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क्या आप जानते हैं दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने का असली कारण, सफर इंडिया के सर्वे में खुलासा

Safar Indian Survey सफर इंडिया द्वारा दिल्ली अहमदाबाद मुंबई और पुणे महानगरों में सभी स्नोतों से पीएम 2.5 के उत्सर्जन का आकलन किया गया। इसमें सामने आया कि दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 77 अहमदाबाद में 57 मुंबई में 45 और पुणे में 30 गीगाग्राम प्रतिवर्ष है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 10:10 AM (IST)
क्या आप जानते हैं दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने का असली कारण, सफर इंडिया के सर्वे में खुलासा
क्या आप जानते हैं दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने का असली कारण, सफर इंडिया के सर्वे में खुलासा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में वायु प्रदूषण की एक प्रमुख वजह अभी भी परिवहन सेवाएं ही हैं। वाहनों से उड़ने वाली धूल और धुआं राजधानी दिल्ली की हवा में जहर घोल रहा है। इसी के चलते दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर भी ज्यादा है। हालांकि एक सकारात्मक पहलू यह भी सामने आया है कि औद्योगिक प्रदूषण राजधानी दिल्ली में कम हुआ है।

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सफर इंडिया द्वारा दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और पुणे महानगरों में सभी स्नोतों से पीएम 2.5 के उत्सर्जन का आकलन किया गया। इसमें सामने आया कि दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 77, अहमदाबाद में 57, मुंबई में 45 और पुणे में 30 गीगाग्राम प्रतिवर्ष है। सफर इंडिया के परियोजना निदेशक डाक्टर गुरफान बेग के मुताबिक, शहरीकरण के कारण उच्च आबादी घनत्व प्रदूषण का आधारभूत कारण है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चारों महानगरों में पीएम 2.5 उत्सर्जन को प्रभावित करता है।

उन्होंने बताया कि पीएम 2.5 के उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्नोत परिवहन है, जिसकी हिस्सेदारी दिल्ली में 41, पुणो में 40, अहमदाबाद में 35 और मुंबई में 31 फीसद पाई गई है। गुफरान बेग बताते हैं कि बायो-ईंधन की हिस्सेदारी मुंबई में सर्वाधिक 15.5, पुणे में 11.4, अहमदाबाद में 10.2 और दिल्ली में तीन फीसद है। पीएम 2.5 हाटस्पाट बड़ी संख्या में चारों ओर फैले हुए हैं। औद्योगिक उत्सर्जन पुणे में अधिकतम 21.6, अहमदाबाद में 18.8, दिल्ली में 18.6 और मुंबई में 13.1 फीसद पाया गया है।

सफर के वायु-गुणवत्ता पूर्वानुमान फ्रेमवर्क को वैश्विक मान्यता

चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, पुणे और अहमदाबाद की वायु-गुणवत्ता के पूर्वानुमान के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत विकसित पहले आधिकारिक भारतीय फ्रेमवर्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञ समीक्षित (पियर-रिव्यूड) जर्नल में मान्यता प्रदान की गई है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय के अंतर्गत विकसित इस फ्रेमवर्क के जरिये ‘सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारका¨स्टग एंड रिसर्च’ (सफर) का लक्ष्य आम लोगों और शोधकर्ताओं को जानकारी देना है। इस फ्रेमवर्क के निष्कर्षों को 22 सितंबर को विशेषज्ञ-समीक्षित (पियर रिव्यूड) अंतरराष्ट्रीय जर्नल इल्सेवियर इंवायरनमेंटल माडलिंग एंड साफ्टवेयर में प्रकाशित किया गया। सफर के संस्थापक निदेशक डा. गुफरान बेग के अनुसार, सफर का पूर्वानुमान माडल अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स इंवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी के फ्रेमवर्क से तुलना योग्य है।


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