'वह' हिंदू युवक से शादी कर भरती थी मांग, देश के इस सनसनीखेज मर्डर से जुड़ा लिंक
दिल्ली के ख्याला इलाके में फरवरी में सामने आए अंकित सक्सेना हत्याकांड और अब 16 अगस्त को फरीदाबाद की नेहरू कॉलोनी में हुए संजय हत्याकांड में कई बातें एक जैसी हैं।
नई दिल्ली /फरीदाबाद (हरेंद्र नागर)। दिल्ली के ख्याला इलाके में फरवरी में सामने आए अंकित सक्सेना हत्याकांड और अब 16 अगस्त को फरीदाबाद की नेहरू कॉलोनी में हुए संजय हत्याकांड में कई बातें एक जैसी हैं। दोनों ही युवकों ने दूसरे धर्म की युवतियों से प्रेम करने की जुर्रत की और नफरत मोहब्बत पर भारी पड़ी। अंकित की सरेआम गला रेतकर हत्या कर दी गई। वहीं संजय की गला रेतकर हत्या के बाद शव पहाड़ी में फेंक दिया गया। पांच दिन बाद 21 अगस्त को उसका शव बरामद हो पाया।
संजय हत्याकांड में पुलिस ने तीन आरोपितों युवती के पिता फजरू, भाई सलीम, पड़ोसी सुमित को 22 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। 25 अगस्त को चौथे आरोपित मोहम्मद अली को भी गिरफ्तार कर लिया।
जरूरी हैं इन सवालों के जवाब तलाशने
संजय हत्याकांड में चारों आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई है, मगर कई सवालों के जवाब अभी तलाशे जाने बाकी हैं। सलीम ने बयान दिया है कि संजय ने उसकी बहन से शादी करने व एक साल साथ रहने के बाद छोड़ दिया था, इसका बदला लेने के लिए उसने हत्या की। पुलिस भी फिलहाल इसी बयान के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ा रही है।
दूसरी ओर संजय के परिजन व पड़ोसी कुछ दूसरी ही कहानी बयां करते हैं। वे कहते हैं कि संजय ने कभी युवती का साथ नहीं छोड़ा, दोनों साथ रहना चाहते थे। युवती संजय के साथ खुश थी और हिंदू धर्म के अनुसार व्रत रखना, मांग भरना शुरू कर दिया था। यह युवती के परिजनों को रास नहीं आया और उन्होंने संजय पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, मगर उसने इनकार कर दिया। इससे नाखुश युवती के परिजन दो महीने पहले उसे अपने साथ ले आए और संजय से कह दिया गया कि उसका तलाक हो गया है।
संजय के परिजन तो यह भी कहते हैं कि युवती गर्भवती थी, उसके परिजनों ने उसका गर्भपात करा दिया। संजय के परिजन कहते हैं कि अगर वह धर्म परिवर्तन कर लेता तो शायद उसकी जान नहीं जाती। 21 अगस्त को संजय का शव मिलने के बाद से ही युवती और उसकी मां गायब हैं।
पुलिस का कहना है कि उनकी तलाश की जा रही है। युवती के सामने आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। अपराधिक मामलों के वकील सतेंद्र भड़ाना कहते हैं कि अगर पुलिस सलीम द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर चार्जशीट तैयार करती है तो अदालत में आरोपितों का इसका फायदा मिल सकता है। युवक के परिजनों के बयानों को भी चार्जशीट में शामिल करना जरूरी है, तभी आरोपितों को अधिक से अधिक सजा मिल सकेगी। एक साल साथ रहने के बाद आखिर क्या वजह रही कि दोनों को अलग होना पड़ा, इसका जवाब तलाशा जाना जरूरी है।
नवीन कुमार (प्रभारी क्राइम ब्रांच डीएलएफ) के मुताबिक, युवती और उसकी मां की तलाश की जा रही है। उनके पूछताछ के बाद जो भी बात सामने आएगी, उसे जांच में शामिल किया जाएगा।