दक्षिण दिल्ली के लाखों लोगों के लिए खुशखबरी, सिर्फ एक फोन कॉल पर उठेगा घर का कूड़ा
दक्षिण दिल्ली नगर निगम अब मलबा उठाने का कार्य निजी कंपनी को सौंपेगा इसके बाद लाखों लोगों की परेशानी खत्म हो जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इधर-उधर सड़कों पर मलबा फेंके जाने से परेशान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal corporation) अब मलबा उठाने का कार्य निजी कंपनी को सौंपेगा। इसमें नागरिक निगम को कॉल करके मलबा उठवा सकेंगे। वहीं, इसके लिए शुल्क भी तय किया जाएगा। जो निजी ठेकेदारों से काफी कम होगा। निगम की कोशिश है कि स्वच्छता और धूल के प्रदूषण को कम करने के लिए जो भी मलबा कॉलोनियों से निकलने वह सीधा निर्धारित स्थानों पर जाए।
दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त ने बताया कि राजधानी में प्रदूषण की एक बड़ी वजह मलबा इधर-उधर पड़ा रहना है। देखने में आता है कि कुछ लोग अपने घर का मलबा बड़ी सड़कों पर डाल देते हैं। जिसका दुष्परिणाम यह होता है कि धूल उड़ती है। इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ता है और वहां की आस-पास की स्वच्छता भी खराब होती है। उन्होंने बताया कि फिलहाल नागरिकों के पास इसका कोई उपाय नहीं है कि वह मलबा कैसे तय स्थानों तक पहुंचाएं। इसलिए हम टेंडर प्रक्रिया के जरिये निजी कंपनी को इसका काम सौंपेंगे। यह कंपनी निगम द्वारा स्थापित कॉल सेंटर में आई शिकायत कंपनी कर्मियों को दी जाएगी। कंपनी तय शुल्क के आधार पर मलबा उठाएगी और निगम द्वारा निर्धारित स्थान पर लेकर जाएगी। इस शुल्क का कुछ हिस्सा कंपनी को निगम से भी साझा करना होगा।
गलियों में मैकेनिकल स्वीपर से होगी सफाई
प्रदूषण को कम करने के लिए दक्षिणी निगम ने कॉलोनियों में मैकेनिकल स्वीपर से साफ-सफाई करने के लिए चार नए मैकेनिकल स्वीपर भी प्रदूषण के खिलाफ काम करेंगे। यह पहली बार होगा कि गलियों में भी मैकेनिकल स्वीपर साफ-सफाई करेंगे। क्योंकि यह अपेक्षाकृत छोटे होंगे। जो आसानी से गलियों में जाकर साफ-सफाई कर सकेंगे। दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने इन्हें खरीदने की मंजूरी दे दी है। इन्हें शहरी विकास कोष (यूडीएफ) के फंड से खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। जिसकी मंजूरी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दे दी है। 80 करोड़ रुपये का फंड इसके लिए मंजूर हुआ था। इसमें से 20 करोड़ फंड से निगम सड़कों की मरम्मत करेगा। 60 करोड़ की राशि से स्वच्छता उपकरण खरीदे जाएंगे। चार नए मैकेनिकल स्वीपर आने से निगम में कुल मैकेनिकल स्वीपर की संख्या 22 हो जाएगी।