45 साल पहले बशीरन ने दिल्ली में रखा था कदम, आठ बेटों को बनाया अपराधी, बन गई 'गॉडमदर'
करीब 45 वर्ष पहले बशीरन अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थी। 80 के दशक में बशीरन ने पैसा कमाने के लिए अवैध तरीके से शराब बेचने का धंधा शुरू किया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। संगम विहार में आतंक का पर्याय बनने वाली लेडी डॉन बशीरन उर्फ मम्मी ने राजस्थान से दिल्ली आकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। शराब बेचने से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाली बशीरन ने अपने आठ बेटों को भी अपराध की दुनिया में शामिल किया और 'गॉडमदर' बन बैठी। इतना ही नहीं बशीरन दिल्ली की टॉप फाइव महिला अपराधियों में भी शामिल है।
अवैध शराब बेचने से की शुरुआत
आगरा के बसई अरेला गांव में पैदा हुई बशीरन की शादी राजस्थान के धौलपुर जिले के अंबरपुर के रहने वाले मलखान के साथ हुई थी। करीब 45 वर्ष पहले बशीरन अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थी। 80 के दशक में बशीरन ने पैसा कमाने के लिए अवैध तरीके से शराब बेचने का धंधा शुरू किया। उसने गोविंदपुरी की नवजीवन कैंप झुग्गी में सबसे पहला ठिकाना बनाया था। इसके बाद वह परिवार के साथ संगम विहार में रहने लगी।
बन गई पानी माफिया
यहां शराब का अवैध कारोबार करने के बाद बशीरन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बशीरन का आतंक उस समय और बढ़ गया, जब उसने एक-एक करके अपने आठ बेटों को अपराध की दुनिया में अपने साथ उतार दिया। बशीरन के बेटे शमीम उर्फ गूंगा पर भी मकोका के तहत मामला दर्ज है। बशीरन और उसके पूरे परिवार पर संगठित रूप से अपराध करने का मामला भी दर्ज है। बशीरन के आतंक का हाल यह था कि उसने सरकारी बोरिंग पर कब्जा कर लिया और संगम विहार में पानी की पाइन लाइन बिछाकर पानी बेचते हुए पानी माफिया बन गई।
पुलिस से बचती घूम रही थी बशीरन
बशीरन के खिलाफ 2002 में अवैध रूप से शराब बेचने का पहला मामला दर्ज हुआ था। सुपारी लेकर हत्या कराने और हत्या करने का भी मामला बशीरन पर दर्ज है। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद वह पिछले आठ माह से पुलिस से बचती घूम रही थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले आठ माह में वह अहमदाबाद, इलाहाबाद, मैनपुरी और फिरोजाबाद में रह रही थी।