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यहां पढ़िए, शीला दीक्षित व सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में क्या रही कॉमन बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का लोदी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 09:30 AM (IST)
यहां पढ़िए, शीला दीक्षित व सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में क्या रही कॉमन बात
यहां पढ़िए, शीला दीक्षित व सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में क्या रही कॉमन बात

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता रहीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का दिल्ली के लोदी रोड स्थित शवदाह गृह में बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एक खास बात यह भी रही कि शीला दीक्षित की तरह ही सुषमा स्वराज का भी अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के जरिये ही किया गया। एक और खास बात यह रही कि सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने इस दौरान होने वाले सारे कर्म कांड पूरे किए। 

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दरअसल, इससे पहले 21 जुलाई को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का दिल्ली में यमुना किनारे बने निगम बोध घाट पर अंतिम विदाई दी गई थी। उनका भी राजकीय सम्मान के साथ सीएनजी शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया था। शीला दीक्षित की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार भी सीएनजी शवदाह गृह में ही किया जाए। शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार सीएनजी शवदाह गृह में कराया था। इससे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और बाद में तिरंगे में लिपटे उनके शव को कंधा देते उनके बेटे संदीप दीक्षित, लतिका सईद व अन्य उन्हें सीएनजी शवदाह गृह तक ले गए थे। दरअसल, शीला दीक्षित खुद भी पर्यावरण के प्रति चिंतित थी और अपनी यह इच्छा अपने बच्चों के सामने रखी थी।

ठीक ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में किया गया। वहीं, पूर्व की स्थापित मान्यता के उलट जाकर सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी की।

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार सुबह 11 बजे तक उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा अंतिन दर्शन के लिए सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में रखा गया। दोपहर 3 बजे उनकी अंतिम यात्रा लोधी रोड के शवदाह गृह के लिए रवाना हुई। हजरों लोग उनकी अंतिम यात्रा के दौरान मौजूद रहे। बेटी बांसुरी ने अंतीम संस्कार के सभी रस्मों को पूरा किया।

अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने उन्हें नम आखों से विदाई दी। सुषमा स्वराज को लोधी रोड स्थित शवदाह गृह पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बेटी बांसुरी स्वराज ने सुषमा स्वराज को मुखाग्नि दी। सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई देने के लिए पीएम मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत देश-दुनिया के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री बेहद गमगीन दिखे और कुछ लोगों की आंखों से आंसू  तक छलक आए।

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