पानी की गुणवत्ता का मनुष्य के जीवन में महत्व
आजकल औद्योगिकीकरण की वजह से पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जैसे नदियां, तालाब और बाड़ी का पानी दूषित हो चुका है।
आजकल औद्योगिकीकरण की वजह से पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जैसे नदियां, तालाब और बाड़ी का पानी दूषित हो चुका है। मनुष्य में 80 प्रतिशत बीमारी का कारण प्रदूषित पानी ही है। इसी के मद्देनज़र पानी की गुणवत्ता जांच के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री (उपभोक्ता एवं खाद्य विभाग मामले) ने मोबाइल परीक्षण प्रयोगशाला का शुभारंभ 23 अगस्त 2018 को राजकीय माडी वाई महिला महाविद्यालय के नागौर प्रांगण से किया।
यह मोबाइल परीक्षण प्रयोगशाला जयपुर स्थित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशाला (उ. प. क्षे.) द्वारा चलाई जा रही है। जिसमें पानी की निम्नलिखित रासायनिक मात्राओं की जांच की जाती है जैसे पी.एच, रंग, गंदलापन, कठोरता, फ्लोराइड एवं कुल घुलनशील पदार्थ का परीक्षण स्थान विशेष पर जा कर किया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशाला (उ. प. क्षे.) जयपुर के वैज्ञानिकों ने महाविद्यालय परिसर में जल परीक्षण किया और माननीय मंत्री एवं उपस्थित छात्राओं के सामने रिपोर्ट जारी की।
माननीय मंत्री जी द्वारा क्षेत्र के ग्राहकों को जागरुक करने एवं उनके अधिकारों की जानकारी हेतु जागरुकता अभियान की शुरुआत दो जागरुकता रथों को हरी झंडी दिखाकर की गई। इस जागरुकता अभियान की पहल भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने की है।