अटल जी के निधन से एक युग का हुआ अंत, देश ही नहीं दुनिया ने खो दिया महान नेता
अटल बिहारी वाजपेयी जी को हर वर्ग, हर जाति व हर धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग भी पसंद करते थे। उनका भाषण हर उम्र के लोग सुनते थे।
गुरुग्राम [जेएनएन]। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से हर क्षेत्र में शोक की लहर है। सभी का मानना है कि अटल जी का विराट व्यक्तित्व था। ऐसा व्यक्तित्व जहां पर आकर हर कोई शालीन होने के लिए मजबूर हो जाता था। उनका भाषण सुनने के लिए सभाओं में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों के नेता भी चुपके से पहुंचते थे। उद्यमी से लेकर कारोबारी भी अपना काम छोड़कर भाषण सुनने के लिए पहुंच जाते थे।
अटल जी का व्यक्तित्व जीवन राजनीति की हर सीमा से ऊपर था। वे दिव्य पुरुष थे। आज पूरी दुनिया उनके निधन पर शोक मना रही है। इतनी लंबी अंतिम यात्रा दुनिया के शायद ही किसी नेता की निकली होगी। उनके जाने से राजनीतिक क्षेत्र में शून्यता की स्थिति पैदा हुई।
पवन जिंदल, संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हरियाणा
वाजपेयी जी के रूप में इस देश ने ही नहीं बल्कि दुनिया ने एक महान नेता खो दिया। उनका व्यक्तित्व विराट था। उनके तेज के सामने हर किसी का तेज निस्तेज हो जाता था। उन्होंने देश-दुनिया को बहुत कुछ दिया। ब्रिगेडियर (रिटा.) विनोद राघव, निवासी सेक्टर 56
अटल बिहारी वाजपेयी जी सही मायने में राष्ट्रनायक थे। उन्होंने कभी भी किसी को अपने शब्दों से अपमानित करने का काम नहीं किया। विपक्षी नेता भी उनके भाषण के कायल थे। देश के विकास में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई। परमाणु परीक्षण करके दुनिया के सामने देश की ताकत का अहसास कराया।
आरएस ठाकुर, चेयरमैन, श्यामा पावर इंडिया लिमिटेड
अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में देश की प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में बढ़ी। उन्होंने कई योजनाएं ऐसी बनाईं, जिससे देश का आर्थिक ढांचा काफी मजबूत हुआ है। उनके जाने से देश ने महान राजनेता को खो दिया। उनकी भरपाई नहीं हो सकती।
महेश चौहान, राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख, भाजपा युवा मोर्चा
चाहे संसद के भीतर का भाषण हो या फिर चुनावी जनसभा, अटल जी का हर भाषण सुनने लायक होता था। ऐसा लगता था जैसे वह भाषण नहीं बल्कि राष्ट्र के नाम संदेश दे रहे हों। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया उनके निधन पर शोक मना रही है। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया।
विनोद मित्तल, संरक्षक, भारत विकास परिषद (महाराणा प्रताप शाखा), गुरुग्राम
वाजपेयी जी को कई बार सुनने का मौका मिला। उनके व्यक्तित्व में जबरदस्त आकर्षण था। उनके शब्दों में आकर्षण था। जो भी भाषण सुनने जाता था वह उनके एक-एक शब्द के ऊपर ध्यान देता था। हर शब्द के माध्यम से वह संदेश देते थे।
चौ. महेंद्र सिंह ठाकरान, प्रधान, 360 गांव झाड़सा खाप
अटल बिहारी वाजपेयी जी को हर वर्ग, हर जाति व हर धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग भी पसंद करते थे। उनका भाषण हर उम्र के लोग सुनते थे। वह सही मायने में राष्ट्रनायक थे। उनके जाने से राष्ट्र को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है।
जयराम सिंह, संरक्षक, पूर्वांचल एकता मंच
अटल जी 1982 में कानपुर से होते हुए फरुखाबाद एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे। उसी दौरान रास्ते में लोगों ने उनका स्वागत कार्यक्रम रखा था। मैं भी वहां पहुंचा था। उन्होंने आवाज देकर मुझे नजदीक बुलाया और माला पहना दी। अटल जी का विराट व्यक्तित्व था।
विवेकानंद तिवारी, अध्यक्ष, भारत विकास परिषद (महाराणा प्रताप शाखा), गुरुग्राम
अटल जी से मिलने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे किसी दिव्य पुरुष से मुलाकात हो रही हो। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया। ऐसा युग जो शायद ही फिर सामने आए। राव चतुर्भुज सिंह, पूर्व अध्यक्ष, यादव कल्याण परिषद