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देश के इस गांव के लोगों को सलाम, BOAT से 4 किमी का सफर तय कर किया VOTE

गांव के लोगों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी सच्ची भावना व्यक्त करते हुए न केवल कई किलोमीटर का सफर नाव के जरिये तक किया बल्कि खुशी-खुशी लोकतंत्र के इस पर्व में वोट की अाहूति भी दी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 07:17 AM (IST)
देश के इस गांव के लोगों को सलाम, BOAT से 4 किमी का सफर तय कर किया VOTE

नोएडा [सौरभ राय]। Lok sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 के प्रथम चरण में बृहस्पतिवार को दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश की वीआइपी सीट माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर संसदीय क्षेत्र में भी मतदान हुआ, वहीं जिले का एक गांव दलेलपुर एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, इस गांव के लोगों ने नाव की मदद से तकरीबन 4 किलोमीटर और फिर पैदल या फिर ट्रैक्टर आदि से तीन किलोमीटर का सफर तय करके बृहस्पतिवार को लोकतंत्र के महापर्व यानी लोकसभा चुनाव में अपना मतदान किया। बता दें कि नाव के जरिये नहीं आने पर उन्हें सड़क मार्ग के जरिये 70 किलोमीटर का सफर तय करके मतदान के लिए आना पड़ता, जो लगभग असंभव सा हो जाता है। ऐसी स्थिति में इस गांव के लोगों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी सच्ची भावना व्यक्त करते हुए न केवल कई किलोमीटर का सफर नाव के जरिये तक किया, बल्कि खुशी-खुशी लोकतंत्र के इस पर्व में वोट की अाहूति भी दी। 

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यहां पर बता दें कि दिल्ली के नजदीक होने के बावजूद दललेपुर गांव के हालात बदतर हैं। सड़क, स्वास्थ्य और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम रहने वाला यह गांव देश की आजादी के 71 साल बाद भी अपना हक मांग रहा है। 

आलम यह है कि इस गांव में कोई पुलिस पोस्ट तक नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय तक नहीं है, जहां पर बच्चे अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी कर सकें। अव्यवस्था का इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है कि इस गांव के लोगों को मतदान के लिए भी सड़क मार्ग से 70 किमी और यमुना नदी पार करके 3 किमी दूर जाना पड़ता है। 

दशकों से असुविधा का दर्द झेलने वाले दलेलपुर गांव के ज्यादतर लोग नजदीकी हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर की ओर चले गए हैं। यही वजह है कि पहले इस गांव में 240 लोग रहते थे, जो अब सिर्फ ये आंकड़ा दहाई में सिमट कर रह गया है। 

कहने को चुनाव आयोग (Election Commission) हर भारतीय को मतदान करने की सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है,  लेकिन दिल्ली से बेहद कम दूरी पर बसा यह गांव आयोग के दावे की पोल खोल रहा है। बता दें कि यहां लोगों के राशन कार्ड और आधार कार्ड भी नहीं बन पाए हैं। 

ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई बार अधिकारियों से शिकायत-अनुरोध दोनों किया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। चुनाव के दौरान तो हरियाणा से होते हुए दिल्ली और उसके बाद उत्तर प्रदेश की सीमा में पहुंचकर नोएडा के गुलावली गांव में जाते हैं। फिर यहां पर मतदान करते हैं। 

ग्रामीणों की मानें तो इस गांव में तकरीबन एक दशक पहले 240 मतदाता थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 16 रह गई है। इस बार की तरह पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में 15 किमी नाव के जरिये यमुना नदी को पार करके मतदान किया था। 

मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष1982 तक दलेलपुर हरियाणा में था, तब इस गांव में बिजली मुहैया थी। एक साल बाद ही यानी 1983 में सीमांकन के बाद यह गांव उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में आ गया, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने बिजली काट दी। तकलीफ की बात तो यह है  कि यूपी सरकार अभी तक गांव को बिजली नहीं दिला पाई।  


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