CM के मंच पर क्यों रोया यह भाजपा नेता? वीडियो वायरल होने के कुछ घंटे बाद खुला राज
रविवार को पलवल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की विजय संकल्प सभा में मंच पर पूर्व विधायक रामरतन को बोलने का मौका नहीं मिला तो वे मंच पर ही बैठे-बैठे सुबकने लगे थे।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बसंल]। 'मैं रोया तुम कहते हो गाना, मैं फूट पड़ा तम कहते छंद बनाना' ये पंक्तियां रविवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के पलवल में एक नेता के रोने से जुड़ी लगती है। दरअसल, रविवार को पलवल के होडल में चुनावी मंच पर नेताजी की आंख से आंसू की चार बूंदें क्या गिरीं, इस पर तो सियासत शुरू हो गई है। नेताजी कह रहे हैं कि वह भीड़ को देखकर भावुक हो गए थे, जबकि कांग्रेस ने आंसुओं का हवाला देकर उनकी जाति का मुद्दा उठा दिया है। अब कमल दल में चर्चा लाजिमी है। सवाल इस बात को लेकर है कि आखिर नेताजी के यह सियासी आंसू क्या गुल खिलाएंगे। फिलहाल तो जहां देखो बस नेताजी के आंसुओं पर ही बात हो रही है।
मंच पर फफक पड़े थे पूर्व विधायक रामरतन
रविवार को पलवल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की विजय संकल्प सभा में मंच पर पूर्व विधायक रामरतन को बोलने का मौका नहीं मिला तो वे मंच पर ही बैठे-बैठे सुबकने लगे थे, हालांकि बाद में जब मुख्यमंत्री ने रामरतन को सांत्वना दी तो पूर्व विधायक ने उनके पैर छू लिए थे। इसका वीडियो वायरल हुआ तो पूर्व विधायक ने सफाई देते हुए कहा था कि वह भीड़ देखकर भावना में बह गए थे, इसलिए आंसू निकल पड़े।
भाजपा में भी हलचल
सूत्रों की मानें तो 2014 में होडल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व विधायक रामरतन को मुख्यमंत्री के मंच से नहीं बोलने देने का मुद्दा सिर्फ कांग्रेस ही बल्कि भाजपा में भी उठा रही है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की विजय संकल्प सभा का संचालन कर रहे भाजपा नेता से भी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूछ रहे हैं कि उन्होंने रामरतन के कहने के बावजूद भी क्यों नहीं बुलवाया?
सुरजेवाला ने उठाया जाति का मुद्दा
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले को तूल दे दिया है। उन्होंने ट्वीट करके मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर अनुसूचित जाति की उपेक्षा का आरोप लगाया है। रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में कहा है कि पूर्व विधायक रामरतन के क्षेत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल चुनावी सभा कर रहे थे और वहां पर रामरतन को सिर्फ इसलिए नहीं बोलने का मौका दिया गया क्योंकि वे अनुसूचित जाति से संबंधित थे। रणदीप सुरजेवाला के अनुसार यह भाजपा नेताओं की मानसिकता है। ये अंबानी जैसे बड़े उद्यमियों को तो महत्व देते हैं मगर समाज के ऐसे वर्ग को महत्व नहीं देते जिन्हें महत्व देने की जरूरत है।
रामरतन (पूर्व विधायक) की मानें तो आग्रह पर अपार भीड़ मुख्यमंत्री को सुनने आई तो मैं मंच पर भावुक हो गया था। मेरे आंसुओं पर राजनीति करना ठीक नहीं है। मंच पर मैं बोलना चाहता तो कोई मुझे नहीं रोक सकता था,मेरी जाति का कोई अपमान नहीं हुआ है।