जानें- कैसे निवेशकों के हत्थे चढ़ा 7 लाख लोगों से 3700 करोड़ की ठगी करने वाला
बताया जा रहा है कि नोएडा के सेक्टर-121 स्थित क्लियो काउंटी के एक रेस्तरां में मीटिंग करने के दौरान निवेशकों ने आरोपित अभिनव मित्तल को दबोच लिया।
नोएडा, जेएनएन। 'लाइक्स एंड शेयर' के नाम पर देशभर के करीब 7 लाख लोगों से 3700 करोड़ की ठगी करने वाला एब्लेज इन्फो सोल्यूशन का मास्टरमाइंड अभिनव मित्तल सोमवार को नोएडा के एक रेस्तरां में मीटिंग के दौरान निवेशकों के हत्थे चढ़ गया।
बताया जा रहा है कि नोएडा के सेक्टर-121 स्थित क्लियो काउंटी के एक रेस्तरां में मीटिंग करने के दौरान निवेशकों ने आरोपित अभिनव मित्तल को दबोच लिया और अपने पैसे मांगने लगे। इस बीच निवेशकों ने फोन कर पुलिस को बुलाया और फिर हवाले कर दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ अभिनव मित्तल को हरियाणा के फरीदाबाद में पेशी पर लेकर आई थी। इसके बाद अभिनव मित्तल को किसी से मीटिंग करनी थी, जिसके बाद वह पुलिस कस्टडी में नोएडा के सेक्टर-121 के एक रेस्तरां में मीटिंग कर रहा था।
सोमवार को तीन बजे मीटिंग के दौरान उसके साथ तीन पुलिसकर्मी व पांच-छह दोस्त भी थे। इसके अलावा दो महिला पुलिसकर्मियों के साथ उसकी पत्नी ब्यूटीपार्लर में थी। इस दौरान वहां कुछ निवेशक भी मौजूद थे। इस बीच निवेशकों ने उसे पहचान लिया और अपने पैसे की मांग करने लगे। इसके बाद निवेशकों ने 100 नंबर पर कॉल कर लोकल पुलिस मौके पर बुलाई और पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद एसटीएफ उसे लखनऊ लेकर रवाना हो गई।
निवेशकों का कहना है कि अभिनव मित्तल जनता की कमाई को ठिकाने लगाने के लिए वह अपने कुछ जानकारों के साथ मीटिंग करने के लिए आया था। इसको लेकर शहर में चर्चा चल रही है। मीटिंग करने के लिए वह क्यों आया था? किस संबंध में उसे मीटिंग करनी थी? यह अभी साफ नहीं है।
गौरतलब है कि 3700 करोड़ रुपये के लाइक्स के घोटाले में फंसा अनुभव ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से बीटेक है, जबकि अन्य आरोपित श्रीधर प्रसाद दिल्ली के एनआइए इंस्टीटयूट से एमबीए है। कंपनी के पास कोई वास्तविक विज्ञापन या कोई रियल सर्विस उपलब्ध नहीं थी। ठगी के इस धंधे को जनता का पैसा लेकर जनता के बीच बांटकर बढ़ाया गया था।
ज्यादातर ग्राहकों को नहीं मिलते थे पैसे
लोगों को सदस्य बनाकर पैसे लिए गए। फिर उनके पैसे को अन्य सदस्यों में मुनाफा बताकर बांट दिया गया था।इससे लोगों का कंपनी पर भरोसा बढ़ा और सदस्य बनने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। ज्यादातर ग्राहकों को पैसे नहीं मिलते थे। आरोपियों ने करीब तीन हजार करोड़ रुपये ग्राहकों को वापस करने का दावा किया है। दो पीड़ितों ने सूरजपुर और कोतवाली फेज तीन में केस दर्ज कराया तो मामला खुला।
इस तरह लगाया चूना
पुलिस के मुताबिक, आरोपित एफ-471, सेक्टर 63 में एब्लेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी चला रहे थे। इसमें 100 से अधिक कर्मचारी काम करते थे। इस कंपनी के तहत अगस्त 2015 में सोशल टेड डॉट बिज नामक एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म लांच किया गया था।
5,750 रुपये से 57,500 लेकर बनाया जाता था सदस्य
पोर्टल से जुड़ने के लिए चार तरह की स्कीम लांच की गई थी। इसके तहत 5,750 रुपये से 57,500 तक लेकर सदस्य बनाया जाता था। कंपनी यूजर आइडी और पासवर्ड देती थी। लॉग इन करने पर 25 से 125 लिंक लाइक के लिए दिए जाते थे। हर लाइक पर पांच रुपये मिलने का दावा किया गया था।
विज्ञापन कराने वाली संस्था से छह रुपये लिए जाते थे एक लाइक के
कंपनी दावा करती थी कि एक लाइक के लिए विज्ञापन कराने वाली संस्था से छह रुपये लिए जाते हैं। इसमें से कंपनी एक रुपये खुद लेती थी। ग्राहकों को फर्जी विज्ञापन या एक-दूसरे के पेज लाइक कराते थे।
सूत्रों की मानें तो दो साल पहले अगस्त 2015 में डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर एबलेज इंफो सल्यूशंस नाम की खोली गई थी। इस कंपनी में बीटेक अनुभव मित्तल ने नोएडा से शुरू किया था।
कंपनी ने डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर socialtrade.biz नाम से वेबसाइट बनाई। कंपनी ने दावा किया था कि एक साल में पैसा लगाने वालों को दुगुनी रकम वापस की जाएगी। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए पांच हजार से लेकर एक लाख 15 हजार तक एक बार में लोगों ने इनवेस्ट करवाया था।
बताया जा रहा है कि शुरू में लोगों को मोटा मुनाफा भी हो गया और लोग आगे आगे इसमें दूसरे लोगों को जोड़ते चले गए। ये बढ़कर अब तक 6 लाख हो चुके थे।
जांच में पता चला है कि कंपनी ने क़रीब 7 लाख लोगों से एक पोंजी स्कीम के तहत 3700 करोड़ से ज़्यादा का निवेश करा लिया था।
यह था पूरा खेल
socialtrade.biz के पोर्टल से जुड़ने के लिए किसी शख्स को 5750 रुपये से लेकर 57,500 रुपये के बीच में कंपनी के अकाउंट में जमा करना होता था। इसके बाद इस रकम के बदले वह हर सदस्य को हर क्लिक पर 5 रुपये घर बैठे मिलता था।
स्कीम के तहत हर सदस्य को अपने नीचे 2 और लोगों को जोड़ना था जिस के बाद सदस्य को अतिरिक्त पैसे मिलते थे। इंफोर्समेंट एजेंसियों से बचने के लिए ये कंपनी वर्चूअल वर्ल्ड में लगातार नाम बदल रही थी। पहले socialtrade.biz फिर freehub.com से intmaart.com से frenzzup.com और फिर 3W.com के नाम से घोटाला चल रहा था।
घेरे में आई थी कंपनी
कई सदस्यों को पैसे नहीं मिल रहे थे। ऐसे में कुछ सदस्यों ने थाना फ़ेज़-3 और थाना सूरजपुर में अभियोग पंजीकृत कराए गए।
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