Neeraj Death Anniversary: 'अभी कहीं से आवाज़ देंगे' कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर गीतकार नीरज को किया याद
Neeraj Death Anniversary महाकवि नीरज को उनकी साहित्य सेवा के लिए 1991 में पद्मश्री 1994 में यश भारती 2007 में पद्मभूषण सम्मान से नवाज़ा गया था।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Neeraj Death Anniversary: कवि सम्मेलनों की जान रहे गोपालदास नीरज की पुण्यतिथि पर देश-दुनिया के लोग उन्हें याद कर रहे हैं। इस कड़ी में देश के चर्चित कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट किया है- 'आज हिंदी की वीणा, लय के प्रबल संवाहक, गीत की अहर्निश गंगोत्री के नवल भगीरथ, भाषा के निरंतर परिमार्जन और अभिवृद्धि के शिल्पी महाकवि पद्मभूषण डॉ गोपालदास नीरज जी की पुण्यतिथि है। यकीन नहीं होता दो साल हो गए गीत ऋषि को गए हुए लगता है अभी कहीं से आवाज़ देंगे - नमन, नीरज दद्दू!'
गौरतलब है कि 19 जून, 2018 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कवि नीरज ने अंतिम सांस ली थी। नीरज जी के पार्थिव शरीर के दर्शन करने आगरा पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने तब कहा था कि नीरज जी ने पूरे देश पर राज किया। उनकी शख्सियत इसी बात से समझी जा सकती है कि उनके गीतों पर देवानंद, राज कपूर साहब ने अभिनय किया। अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे लोग उनके गीतों को गुनगुनाया करते थे। आज एक औलिया फकीर कबीर चला गया। बता दें कि कवि सम्मेलनों में शिरकत करने के दौरान कवि कुमार विश्वास ने कई बार नीरज के साथ मंच साझा किया था।
यहां पर बता दें कि नीरज लंबे समय तक कवि सम्मेलनों की शान रहे थे। इस दौरान उन्होंने भवानी प्रसाद मिश्र, शिवमंगल सिंह सुमन, गिरिजाकुमार माथुर, सोम ठाकुर जैसे कवियों के साथ मंच साझा किया। उसके बाद फिर महाकवि नीरज ने तीसरी पीढ़ी के कवियों को भी अपना सानिध्य दिया।
यहां पर बता दें कि महाकवि नीरज को उनकी साहित्य सेवा के लिए 1991 में पद्मश्री, 1994 में यश भारती, 2007 में पद्मभूषण सम्मान से नवाज़ा गया था। नीरज का लिखा एक गीत ‘कारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे’ जैसे उनके नाम का पर्याय बन गया और जीवनपर्यंत देश-विदेश का ऐसा कोई कवि सम्मेलन नहीं था, जिसमें उनके चाहने वालों ने उनसे वह गीत सुनाने की फरमाइश न की हो। नीरज भी बड़े चाव से यह गीत सुनाते थे। यह गीत उन्होंने खुद गाया भी है, जिसे सुना जा सकता है।