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पाक आतंकी हाफिज सईद का पैसा कैसे पहुंचा गुरुग्राम, पढ़िए- यह सनसनीखेज स्टोरी

मकान का भूतल फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) की रकम से खरीदा गया था। संगठन को पाकिस्तान में हाफिज सईद चलाता है। मकान खरीदने के लिए अरब देश से हवाला के जरिए इसके लिए रकम आई थी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 11:32 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:04 AM (IST)
पाक आतंकी हाफिज सईद का पैसा कैसे पहुंचा गुरुग्राम, पढ़िए- यह सनसनीखेज स्टोरी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने के आरोपित व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली की गुरुग्राम स्थित प्रॉपर्टी अटैच करने के बाद नया खुलासा हुआ है। आरोप है कि मकान का भूतल फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) की रकम से खरीदा गया था। संगठन को पाकिस्तान में हाफिज सईद चलाता है। करोड़ों का मकान खरीदने के लिए अरब देश से हवाला के जरिए इसके लिए रकम आई थी।

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जहूर अहमद शाह वटाली पर पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद, यूसुफ शाह और अन्य लोगों की मदद करने का आरोप है। यह भी पता चला है कि हाफिज सईद के इशारे पर वटाली फंड मुहैया करता था। ईडी सूत्रों की मानें वटाली ने यह विला फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के पैसों से खरीदा था, जिसे आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में चलाता है। ये पैसा संयुक्त अरब अमीरात से हवाला के जरिए आया था। ईडी ने पिछले महीने फरवरी में FIF के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था। इसके बाद अब कार्रवाई की गई है।

टेरर फंडिंग का गुरुग्राम कनेक्शन

यहां पर बता दें कि ईडी की कार्रवाई में आतंकी फंडिंग का गुरुग्राम कनेक्शन सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रिपोर्ट पर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने के आरोपित व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली की गुरुग्राम स्थित प्रॉपर्टी अटैच की है।

सूत्रों के मुताबिक एमजी रोड से सटे डीएलएफ फेज-2 के एक मकान के भूतल को अटैच किया गया है। मकान की पहली व दूसरी मंजिल किसी और के नाम है। भूतल जहूर की पत्नी सरवा जहूर के नाम है। यहां वटाली की नेम प्लेट भी लगी है। वटाली की पिछले साल गिरफ्तारी की गई थी, अब वह जमानत पर है।

इस मकान में अब भी जहूर अहमद का परिवार रह रहा है। मंगलवार को उसके बेटे को घर के  हर खड़ा देखा गया था, जो मीडिया को देखकर अंदर चला गया। बताया जा रहा है कि जहूर मकान नंबर एल-25/4 के भूतल पर अपने परिवार के साथ रहता है।

टेरर फंडिंग से खरीदी गई थी प्रॉपर्टी

एनआइए द्वारा अदालत में पेश आरोप पत्र में बताया गया है कि जहूर वटाली का लश्कर-ए-तैयबा जैसे आंतकी संगठनों के साथ संबंध है। अपनी जांच में एनएआइ ने वटाली को हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और सैयद सलाउद्दीन जैसे आंतकियों के लिए धन जुटाने का आरोपी पाया है। वहीं ईडी को जानकारी मिली थी कि जो प्रॉपर्टी खरीदी गई है, वो टेरर फंडिंग के लिए उपलब्ध कराई गई रकम से खरीदी गई है। इसके अलावा भी देश के कई इलाकों में जहूर की प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।

चुनावी फायदे के हुई ईडी की रेड

जहूर अहमद शाह वटाली का कहना है कि मुझे दो बार पकड़ा गया। मुझे दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। एनआइए हमारे खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं दे पाई। मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में 14 मार्च को है। मेरा व मेरे परिवार का आतंक से कोई संबंध नहीं है। मैं डॉक्टर हूं और एक निजी अस्पताल में कार्यरत हूं। मेरा भाई भी डॉक्टर है। ईडी की ओर से खबर लीक कराई गई जबकि अभी वैधानिक तरीके से कार्रवाई भी नहीं हुई है। यह सब एक राजनीतिक दल के इशारे पर चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है।

दो साल से रह रहा है परिवार

आस-पास के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीरी परिवार यहां पिछले दो साल से रह रहा है। उनके घर में कश्मीरी महिलाओं का भी काफी आना-जाना लगा रहता था। पिछले साल अगस्त में बड़ी संख्या में फोर्स यहां आई थी और पता चला था कि यहां रेड पड़ी थी। इस मकान से पहले और 4-5 घर आगे भी कोई मकान नहीं बना है। जिला प्रशासन को भी ईडी की कार्रवाई के बारे में पता नहीं चला।

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