DU Admission 2018: दाखिले के लिए जा रहे हैं तो ये खबर जरूर पढ़ें, न भूलें ये काम
दाखिला लेने जा रहे हैं तो कुछ डॉक्यूमेंट को साथ में रखना बेहद जरूरी है वरना आपको उस दिन दाखिले से भी वंचित रहना पड़ सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की पहली कटऑफ जारी होते ही दाखिले के लिए कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। बता दें कि पहली कटऑफ 19 जून को आई है, जिसके आधार पर मंगलवार से दाखिला शुरू हो गया है। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया 21 जून तक चलेगी। दाखिला लेने जा रहे हैं तो कुछ डॉक्यूमेंट को साथ में रखना बेहद जरूरी है वरना आपको उस दिन दाखिले से भी वंचित रहना पड़ सकता है।कॉलेज में दाखिला लेने के लिए जाने से पहले डीयू की वेबसाइट देखें जहां पर कटऑफ सूची मिल जाएगी। अगर कटऑफ सूची में शामिल हैं तो विश्वविद्यालय को दिए गए आईडी से पोर्टल पर जा कर लॉगिन करें और अपना एडमिशन फार्म निकालें और भरें।
दाखिला के समय 10वीं की सेल्फ अटेस्ट मार्कशीट की कॉपी, 12वीं की सेल्फ अटेस्ट मार्कशीट की कॉपी और आरक्षण के तहत दाखिले के लिए आवेदन किया है तो सारे सर्टिफिकेट साथ जरूर ले जाएं। दाखिला प्रक्रिया के तहत कॉलेज के प्रिंसिपल की अनुमति के बाद आपको अपने पोर्टल पर फीस भरनी होगी।
पहले दिन डीयू में हुए बंपर दाखिले
इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा सोमवार रात को स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पहली कटऑफ जारी होते ही इसे देखने के लिए छात्र-छात्राओं में होड़ लग गई, तो विभिन्न कॉलेजों में पहली कटऑफ के आधार पर मंगलवार सुबह से छात्रों का दाखिला शुरू हो गया। बुधवार को भी सुबह से यही स्थित बन गई है।
पहले ही दिन मंगलवार सुबह सर्वर डाउन रहने से शुरुआती घंटों में छात्रों को फॉर्म प्रिंट करने में कुछ परेशानी हुई लेकिन इसके बावजूद, बंपर दाखिला हुए हैं। अधिकतर कॉलेजों ने निर्धारित समय से इतर शाम तक दाखिला दिया। सबसे ऊंचा कटऑफ जारी करने वाले लेडी श्रीराम कॉलेज में देर शाम तक छात्राओं की लाइन लगी रही। यह हालत तब थी जबकि अधिकतर छात्राएं दिल्ली से बाहर की थीं।
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुमन शर्मा ने बताया कि पहले दिन बीए प्रोग्राम समेत पालिटिकल साइंस, सॉइकोलॉजी व अन्य पाठ्यक्रमों में बंपर दाखिला हुए हैं। इनमें बीए प्रोग्राम में दाखिला लेने वालीं दो छात्रएं 100 फीसद अंकों वाली हैं। बीए आनर्स इकोनोमिक्स में दूसरी सबसे ऊंची कटऑफ लिस्ट जारी करने वाले श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में भी पहले दिन दाखिले के लिए भीड़ रही। यहां 185 छात्रों ने दाखिले लिए। इनमें 150 ने बीकॉम ऑनर्स और 35 ने बीए आनर्स इकोनोमिक्स में दाखिला लिया है।
वहीं रामजस कॉलेज के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 125 छात्रों ने दाखिला सुनिश्चित करवा लिया है। हिंदू कॉलेज में भी यह संख्या 100 के पार पहुंच गई है।
वहीं साउथ कैंपस के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ ज्ञानतोष झा ने बताया कि पहले दिन 55 छात्रों ने दाखिला लिया है। प्रिंसिपल के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में तेजी आएगी।
वहीं, इंद्रप्रस्थ (आइपी) कॉलेज फॉर वुमन में पहले दिन 50 से अधिक दाखिले हुए जबकि लक्ष्मीबाई कॉलेज में पहले दिन 11 छात्राओं ने दाखिला लिया। वहीं आर्यभट्ट कॉलेज में 30, राजधानी कॉलेज में 21 और श्री अरविंदो कॉलेज में 31 छात्रों ने दाखिला लिया है।
ऊंचे कटऑफ के खिलाफ प्रदर्शन
भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआइ) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने मंगलवार को डीयू के नॉर्थ कैंपस में ऊंचे कट-ऑफ के विरोध में प्रदर्शन किया। डीवाईएफआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कुमार और एसएफआइ के नेता रतन ने कहा कि मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार छात्रों और युवाओं के साथ वादाखिलाफी की है। दिल्ली में दोनों सरकारों ने नए सरकारी कॉलेज खोलने और कॉलेजों में सीटें बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया। दोनों सरकारें छात्र युवा विरोधी हैं। यह ऊंचे कटऑफ सीधे तौर पर सरकारी स्कूलों व मजदूर वर्ग के परिवारों से आने वाले बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के दरवाजे बंद करने का काम करते हैं।
बीते 25 वर्षों में दिल्ली में राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने कोई भी नया सरकारी कॉलेज नहीं खोला है। प्रदर्शन के जरिये कई मांगों को रखा गया। इनमें 12वीं के अंकों के बजाय प्रवेश परीक्षा के जरिये प्रवेश की संभावनाओं को तलाशा जाए। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन को प्रवेश का आधार बनाते हुए मॉडल लाया जाए। नए सरकारी कॉलेज तुरंत खोले जाएं। सीटें बढ़ाने के लिए सभी कॉलेजों में इवनिंग शिफ्ट चलाई जाए। एसओएल में वर्ष में कम से कम 50 दिनों की कक्षाएं चलाई जाए।
डिजिटल अंकपत्र से दाखिले में आ रही मुश्किल
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) स्नातक पाठ्यक्रमों की दाखिला प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। जारी कटऑफ के आधार पर कई शैक्षणिक बोर्डों के छात्रों ने अपना दाखिला सुनिश्चित करवा लिया है, लेकिन डिजिटल अंकपत्र ही होने के कारण सीबीएसई पंचकूला परिक्षेत्र के छात्रों को दिक्कत हो रही है। इनसे 10 दिन के अंदर मूल अंक पत्र देने का शपथ पत्र लिया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए सोमवार देर रात जारी पहले कटऑफ के बाद रामजस कॉलेज में कई छात्र मंगलवार को डिजिटल अंक पत्र के आधार पर दाखिला लेने पहुंचे थे। कॉलेज प्रशासन ने दाखिला नीति का हवाला देते हुए ऐसे छात्रों को मना कर दिया और उनसे अंकपत्र की मूल प्रति लाने को कहा। कॉलेज प्रशासन के इस जवाब से छात्र व अभिभावकों के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया।
रेवाड़ी से आए एक अभिभावक ने बताया कि सीबीएसई ने पंचकूला परिक्षेत्र के किसी भी छात्र को अभी 12वीं का अंकपत्र नहीं दिया है। सबके पास एक लिंक है जिसमें डिजिटल अंकपत्र है। आग्रह के बाद रामजस कॉलेज ने सबसे शपथ पत्र लेते हुए अंकपत्र जमा कराने के लिए दस दिन की मोहलत दी है। दस दिन में अंकपत्र जमा नहीं कराए जाने पर दाखिला निरस्त हो सकता हैं।
रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज खन्ना ने बताया कि विवि की दाखिला नीति के तहत अंकपत्र समेत सभी दस्तावेज की मूल प्रति कॉलेजों में जमा कराई जाती है। सीबीएसई के कुछ छात्र डिजिटल अंक पत्र लेकर दाखिला लेने आए थे जिन्हें पहले तो मना कर दिया गया था, लेकिन उनकी समस्या से विवि प्रशासन को अवगत कराते हुए उन्हें शपथ पत्र के आधार पर दाखिला दिया गया है।