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तीन साल पहले लगे थे JNU में देश विरोधी नारे, जानें- अब तक का पूरा घटनाक्रम

जेएनयू कांड में स्पेशल सेल की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। दरअसल, यह अपने आपमें अनूठी और हैरान करने वाली घटना थी, जिसमें देश में पहली बार इस संस्थान में देश विरोधी नारे लगे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 07:48 AM (IST)
तीन साल पहले लगे थे JNU में देश विरोधी नारे, जानें- अब तक का पूरा घटनाक्रम
तीन साल पहले लगे थे JNU में देश विरोधी नारे, जानें- अब तक का पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश के नामी संस्थानों में शुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में 9 फरवरी, 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान कथित देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना ने पूरे देश में उबाल ला दिया था। इस घटना को शनिवार यानी 9 फरवरी को पूरे तीन हो रहे हैं। दरअसल, यह अपने आपमें अनूठी और हैरान करने वाली घटना थी, जिसमें देश में पहली बार इस संस्थान में तथाकथित देश विरोधी नारे लगे। तकरीबन तीन साल तक चली जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। 

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जानें पूरा घटनाक्रम

जेएनयू देशद्रोह प्रकरण में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपित कन्हैया कुमार, सैयद उमर खालिद व अनिर्बान को दिल्ली हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिली हुई है। अन्य के खिलाफ बिना गिरफ्तार किए स्पेशल सेल ने आरोप पत्र दायर किया है। कन्हैया, उमर व अनिर्बान के अलावा सात अन्य आरोपित जम्मू कश्मीर के हैं। इनमें मुजीब (जेएनयू छात्र) व मुनीर (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) दोनों भाई हैं। उमर गुल (जामिया यूनिवर्सिटी), बसारत (जामिया), रईस रसूल (स्टूडेंट नहीं है), अकीब हुसैन, दंत चिकित्सक हैं, खालिद भट्ट जेएनयू का छात्र है।

90 लोगों को गवाह बनाया गया

स्पेशल सेल ने कुल 90 लोगों को गवाह बनाया है। वहीं 10 वीडियो क्लिप जो फोरेंसिक साइंस लैब में जांच करवाई गईं थी और उन वीडियो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन्हीं वीडियो में देशद्रोही नारे लगाते आरोपियों को देखा जा सकता है। कन्हैया कुमार के खिलाफ देश विरोधी नारे का वीडियो पुलिस को नहीं मिला। लेकिन, पुलिस के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारेबाजी की तसदीक कई लोगों ने अपनी गवाही में की है। इसके अलावा सबूत और गवाह के तौर पर कार्यक्रम के बैनर पोस्टर स्लोगन, प्रशासन के बयान, सुरक्षा गार्ड, एवीबीपी छात्रों के बयान शामिल हैं।

ऐसे हुआ बवाल

9 फरवरी, 2016 को जेएनयू में अफजल गुरु मकबूल भट्ट के फांसी के विरोध में साबरमती ढाबे के पास सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था, जिसमें देश विरोधी नारे लगे थे। पुलिस ने उस वक्त दिल्ली के वसंत कुंज नार्थ थाने में कन्हैया कुमार, सैयद उमर खालिद और अनिर्बान भंट्टाचार्य को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई थी।

 जेएनयू में तथाकथित देश विरोधी नारे लगने के बाद पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने पुलिस को शिकायत दी थी। इसके बाद 11 फरवरी, 2016 की शाम को मामले में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद 12 फरवरी को कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था।

आरोप है कि विद्यार्थियों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी की रात को कुछ ऐसे ही देश विरोधी नारे लगे। जानकर हैरानी तो होगी, लेकिन कैपस मे सक्रिय कुछ कश्मीरी, दलित व अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों ने न सिर्फ संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की तीसरी बरसी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया था, बल्कि प्रशासन की ओर से उनके इस कृत्य पर रोक लगाने पर कश्मीर की आजादी के नारे लगाए थे।

इस दौरान जब एबीवीपी ने जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा के नेतृत्व मे आयोजन का विरोध किया तो न सिर्फ उनके खिलाफ नारेबाजी की गई, बल्कि आरोप है कि उन्हें कट्टा दिखाकर डराने की कोशिश भी की गई थी।

कैंपस में इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े लोग  अगले दिन यानी 9 फरवरी को दिनभर चुप्पी साधे रहे। दबी जुबान में अभी वे यही कह रहे है कि भारतीय संविधान उन्हें अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता देता है और उसी के मद्देनजर अफजल गुरु व जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद मे सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था। आयोजकों का कहना है कि यदि एबीवीपी की ओर से इस आयोजन को लेकर प्रशासन से मिली मंजूरी को अंतिम समय में रद न कराया जाता तो हंगामा इस हद तक न बढ़ाता।

घटना हैरान करने वाली: सौरभ

जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा के मुताबिक, कैंपस मे जो हुआ वह सब हैरान करने वाला था। अक्सर कैंपस मे कश्मीर की आजादी के समर्थन की बाते तो खूब सुनी थी, लेकिन ऐसे खुलेआम दिल्ली पुलिस व विश्वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी मे देश विरोधी नारे लगाने की घटना बेहद हैरान करने वाली है। सौरभ ने कहा था कि उन्होंने जब इसका विरोध किया तो पहले तो शोर के जरिये उनकी आवाज दबाने की कोशिश हुई, फिर मारपीट का प्रयास हुआ था। इसके बाद उन्हें एक छात्र ने कट्टा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी थी। 

यहां बता दे कि इस घटना से जुड़ी दो मिनट 50 सेकेंड की एक वीडियो दैनिक जागरण के पास भी है, जिसमें इस बात की पुष्टि हो रही है कि कैंपस मे कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगे हैं।

जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने व देश विरोधी नारे लगाने के मामले में वसंतकुंज उत्तरी थाने में देशद्रोह की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। 11 फरवरी, 2016 को पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद महेश गिरी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। 

कई वीडियो असली, लगाए गए थे देश विरोधी नारे

जेएनयू कांड में स्पेशल सेल की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक तकरीबन 40 से ज्यादा वीडियो फुटेज को सीएफएसएल लैब जांच के लिए भेजा गया था, रिपोर्ट में जेएनयू के कई फूटेज असली पाए गए जिनसे साबित होता है की जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

40 वीडियो की हुई थी जांच

स्पेशल सेल ने तकरीबन 40 वीडियो फुटेज जिनमें न्यूज चैनल, प्राइवेट वीडियो, सोशल साइट्स के वीडियो जांच के लिए सीएफएसएल लैब भेजे, जांच में पाया गया कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

उमर खालिद ने बनवाए थे पोस्टर

वीडियो फूटेज की जांच में उमर खालिद और अनिर्बान समेत कुल 9 लोग देश विरोधी नारे लगाते पाए गए थे। उमर खालिद, अनिर्बान के अलावा बाकी तमाम छात्र कश्मीरी हैं, जो जामिया, अलीगढ़ और जेएनयू के छात्र थे। जांच में पता चला कि 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में उमर खालिद ने कल्चरल इवेंट के लिए अनुमति मांगी थी। इसके लिए पोस्टर बैनर भी उमर खालिद ने बनवाए थे। 

जेएनयू देशद्रोह मामले में अब तक क्या हुआ

  • 15 फरवरी, 2106 को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों का हंगामा हुआ।
  • 17 फरवरी को जेएनयू और दूसरे विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
  • 24 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने अनिर्बान भटाचार्य और उमर खालिद को गिरफ्तार किया।
  • 26 अप्रैल को जेएनयू की इंक्वायरी कमेटी ने 21 छात्रों को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाते हुए अनुशासनात्मक करवाई की बात कही। इसका छात्र संघ ने विरोध किया।
  • 10 मई को विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुशासनात्मक करवाई के खिलाफ छात्र दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे।
  • 13 मई, 2106 को हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया।
  • 15 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल की।


यहां पर बता दें कि पिछले 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था। करीब 1200 पेजों के इस चार्जशीट में सीट में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वाण भट्टाचार्य को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में सात अन्य कश्मीरी छात्रों के भी नाम शामिल हैं। चार्ज शीट में देशद्रोह, धोखाधड़ी ,इलेक्ट्रॉनिक धोखाधड़ी , गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, दंगा भड़काने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाया गया है।

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