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Delhi Election 2020: अंदरूनी कलह और गुटबाजी बनी भाजपा की हार का बड़ा कारण

Delhi Election 2020 दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को देर शाम तक चुनाव परिणाम को लेकर मंथन चलता रहा। इसमें कई तरह की बातें सामने आ रही हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:28 AM (IST)
Delhi Election 2020: अंदरूनी कलह और गुटबाजी बनी भाजपा की हार का बड़ा कारण
Delhi Election 2020: अंदरूनी कलह और गुटबाजी बनी भाजपा की हार का बड़ा कारण

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Election 2020:  दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली पराजय का कारण जानने के लिए भाजपा की समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को देर शाम तक चुनाव परिणाम को लेकर मंथन चलता रहा। अधिकतर लोगों ने अंदरूनी कलह और गुटबाजी को हार का कारण बताया। कई लोगों ने सांसदों की कार्यकर्ताओं व जनता के साथ संवादहीनता और नगर निगमों में फैले भ्रष्टाचार व पार्षदों की कार्य प्रणाली को हार की वजह बताया। इसके साथ ही उम्मीदवारों के चयन में देरी, बाहरी उम्मीदवार थोपने सहित अन्य मुद्दे भी उठाए गए।

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सबसे पहले विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किए गए विस्तारकों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित अन्य नेताओं ने चुनाव को ध्यान में रखकर विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किए गए विस्तारकों से चर्चा की। कई विस्तारकों ने अपने क्षेत्र में कुछ नेताओं द्वारा भितरघात करने, पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी का साथ नहीं देने के आरोप लगाए। उन्होंने पार्षदों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। इसके साथ ही उन्होंने सांसदों के खिलाफ भी भड़ास निकाली। कहा कि सांसद चुनाव के समय जनता के बीच जरूर गए, लेकिन उससे पहले कार्यकर्ताओं व लोगों से कटे रहे।

विधानसभा चुनाव प्रभारियों के साथ बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन और शाम में विभिन्न मोचरें के अध्यक्षों के साथ बैठक में चुनाव सह प्रभारी व केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी शामिल हुए। बैठक में कई नेताओं ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि प्रत्याशी देर से घोषित होने के साथ ही कई क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं को टिकट देने के बजाय बाहर के नेताओं को चुनाव लड़ा दिया गया। बाहर से आए प्रत्याशियों को स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य नहीं बनने से चुनाव प्रचार सही ढंग से नहीं हुआ। इसी तरह से कई नेताओं ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करने, मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल के खिलाफ जुबानी हमला करने और नफरत वाले बयान से भी चुनाव में नुकसान होने की बात कही। आने वाले दिनों में प्रत्याशियों, पार्षदों, मंडल व जिला के पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा की जाएगी।

पार्टी जनता का दिल जीतने में सफल रही : मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि भाजपा का वोट फीसद बढ़ा है। यह सही है कि हमें सिर्फ आठ सीटें मिली हैं, लेकिन दिल्ली के 40 फीसद मतदाताओं ने भाजपा को अपना समर्थन दिया है। इससे स्पष्ट है कि पार्टी जनता का दिल जीतने में सफल रही है। सभी नेता व कार्यकर्ता और उत्साह के साथ पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।


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