Delhi News: 30 साल में भी पूरी तरह शुरू नहीं हो सका किशनगंज आरयूबी, तीसरे हिस्से का उद्धाटन किया
Delhi News दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार निगमायुक्त ज्ञानेश भारती और पूर्व महापौर जय प्रकाश ने इसका उद्धाटन कर जनता को सौंप दिया। हालांकि अभी चौथा हिस्सा कब पूरा होगा यह कहा नहीं जा सकता क्योंकि इसके बीच में कई संपत्तियां आ रही है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। किशनगंज रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) का आखिरकार तीसरा हिस्सा शुरू हो ही गया। मंगलवार को दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार, निगमायुक्त ज्ञानेश भारती और पूर्व महापौर जय प्रकाश ने इसका उद्धाटन कर जनता को सौंप दिया। हालांकि अभी चौथा हिस्सा कब पूरा होगा यह कहा नहीं जा सकता, क्योंकि इसके बीच में कई संपत्तियां आ रही है। जिन्हें हटाने का मामला न्यायालय में लंबित हैं।
हैरानी की बात है कि जिस आरयूबी के तीसरे हिस्से तो शुरू किया गया है वह पूरी परियोजना पर मंथन 30 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। इस 30 साल की समय सीमा जिसमें नगर निगम के तीन हिस्से हो गए और फिर से इन्हें एक कर दिया गया। कई सरकारें बदल गई, लेकिन नहीं बदली तो किशनगंज रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) की सूरत। तीस साल में भी इस परियोजना को पूरी तरह से जनता को समर्पित नहीं किया जा सका है।
11 अक्टूबर से पहले हिस्से की होगी मरम्मत
वर्ष 2018 में शुरू किए गए पहले हिस्से का उपयोग अब तक यातायात परिचालन के लिए किया जा रहा था। चार साल में यातायात के भारी दबाब के चलते अब इसकी मरम्मत की जानी है। निगम अधिकारियों के मुताबिक 11 अक्टूबर से पहले हिस्से को मरम्मत के लिए बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद फिलहाल दो हिस्से सुचारु रूप से कार्य करते रहेंगे। इस आरयूबी में वर्षा के दौरान पानी टपकने से लेकर इसके अंदर लगी लाइटें खराब हो रखी है। जिनकी मरम्मत की जानी है।
इन इलाकों के लोगों को आवाजाही में होगी सहूलियत
रेल अंडर ब्रिज से सर्वाधिक लाभ किशनगंज, इंद्रलोक, गुलाबी, अशोक विहार, सराय रोहिल्ला के नागरिकों को लुटियंस दिल्ली में आवाजाही के लिए सहूलियत होगी। वहीं आजाद मार्केट से लेकर पुरानी दिल्ली के विभिन्न बाजारों में व्यापार के लिए आने वाले नागरिकों को भी सुविधा होगी। यहां लगने वाला लंबा जाम भी खत्म हो जाएगा।
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कब-कब क्या हुआ
- 1990 की शुरुआत इस परियोजना की संकल्पना की गई
- 1992 में इस परियोजना को प्रशासनिक स्वकृति दी गई
- 1998 में एमसीडी द्वारा इसको अंतिम मंजूरी दी गई
- 2008 में अंतत: निर्माण शुरू हुआ
- 2018 के दिसंबर माह चार में एक हिस्सा यातायात के लिए खोल दिया गया
- 2022 के जुलाई में माह में चार में से दूसरा हिस्सा यातायात के लिए खोला गया
- 2022 के अक्टूबर माह में चार में तीसरे हिस्से को खोल दिया गया-परियोजना का चौथा हिस्से का मामला न्यायलय में लंबित है
- 74 करोड़ की लागत से इस परियोजना में आनी है
- 57 करोड़ रुपये इसकी लागत के लिए निगम ने रेलवे को जारी कर दिए हैं।
अधिकारियों ने दिया ये बयान
- दिल्ली के नागरिकों को सर्वश्रेष्ठ नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एमसीडी लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आरयूबी का तीसरा हिस्सा यातायात की आवाजाही को आसान बनाने में मदद करेगा।-अश्वनी कुमार, विशेष अधिकारी, दिल्ली नगर निगम
- तीसरे हिस्से को यातायात के लिए खोले जाने से नागरिक काफी खुश हैं। शेष हिस्से पर भी आरसीसी रोड का निर्माण कार्य काफ़ी तेज़ी से चल रहा है और इसे भी जल्द नागरिकों को समर्पित कर दिया जाएगा। तीसरे हिस्से का निर्माण कार्य पूरा होने से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से लेकर इंद्रलोक व गुलाबी बाग, सदर बाजार, ओल्ड रोहतक रोड़ इत्यादि इलाकों का यातायात काफ़ी सुगम हो गया है और नागरिकों को जाम की स्थिति से नहीं जूझना पड़ेगा।- ज्ञानेश भारती, आयुक्त, दिल्ली नगर निगम
- मैं जब वर्ष 2017 में निगम पार्षद बना तब से मैं इस परियोजना की निगरानी कर रहा हूं। महापौर बनने के बाद जो-जो समस्याएं इस परियोजना में थी वह दूर कराई है। एक हिस्सा मामला न्यायालय में लंबित होने की वजह से अभी शुरू नहीं हो पा रहा है। उम्मीद है जल्द ही सभी परेशानी दूर होगी और यह भी शुरू होगा। जय प्रकाश, पूर्व महापौर, दिल्ली नगर निगम