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Kisan Andolan: रेवाड़ी-रोहतक हाईवे पर बैठे कृषि कानून विरोधियों ने छीन लिया हजारों की रोजी-रोटी

रेवाड़ी-रोहतक हाईवे पर करीब दस माह से डीघल टोल प्लाजा और अब 27 सितंबर से गंगायचा टोल प्लाजा पर कब्जा करके इन्हें टोल फ्री करा रखा है। ऐसे में रोजी-रोटी पर संकट को देख अब टोल कर्मचारियों ने भी आंदोलनकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 01:24 PM (IST)
रोजी-रोटी पर संकट को देख टोल कर्मचारियों ने भी आंदोलनकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

नई दिल्ल/ रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। कृषि कानून विरोधियों ने रेवाड़ी-रोहतक हाईवे पर करीब दस माह से डीघल टोल प्लाजा और अब 27 सितंबर से गंगायचा टोल प्लाजा पर कब्जा करके इन्हें टोल फ्री करा रखा है। ऐसे में रोजी-रोटी पर संकट को देख अब टोल कर्मचारियों ने भी आंदोलनकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टोल कर्मचारियों का कहना है कि कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारी उनका निवाला छीन रहे हैं। इनकी जिद के कारण वह बेरोजगार होने की कगार पर हैं।

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टोल कर्मचारियों ने बुधवार को जिला सचिवालय पहुंचकर एसडीएम के नाम अधीक्षक मंजूबाला को ज्ञापन सौंपकर टोल पर से कृषि कानून विरोधियों को हटाने का आग्रह किया है। टोल कर्मचारियों ने कहा कि अगर कृषि कानून विरोधी नहीं हटे तो मजबूरी में उन लोगों को भी अनशन शुरू करना पड़ेगा।

टोल नहीं चलेगा तो तनख्वाह कैसे मिलेगी

रेवाड़ी-रोहतक हाईवे पर झज्जर जिला की सीमा में डीघल टोल प्लाजा पड़ता है, जबकि रेवाड़ी जिले की सीमा में गंगायचा टोल प्लाजा है। कुरुक्षेत्र एक्सप्रेस-वे प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के पास इन दोनों टोल प्लाजा का ठेका है। कृषि कानून विरोधियों ने दिसंबर 2020 में पहले डीघल टोल प्लाजा पर कब्जा जमा लिया था। तभी से यह टोल फ्री है।

वहीं, 27 सितंबर को आंदोलनकारियों ने गंगायचा टोल को भी टोल फ्री करा दिया था। बुधवार को जिला सचिवालय पहुंचे टोल कर्मचारियों ने बताया कि गंगायचा व डीघल टोल पर करीब 250 कर्मचारी कार्यरत हैं। हर रोज यहां से करीब आठ हजार वाहन गुजरते हैं जिनसे 10 लाख रुपये के करीब टोल आता है। अब जब टोल ही बंद है तो कर्मचारियों को तनख्वाह कैसे मिल पाएगी।

टोल प्लाजा के कर्मचारियों का दर्द

पहले डीघल टोल प्लाजा बंद करा दिया गया, जबकि अब गंगायचा टोल प्लाजा पर भी आंदोलनकारियों ने कब्जा जमा लिया है। करीब 250 कर्मचारी बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं। टोल कलेक्शन नहीं होने पर कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाएगा। कृषि कानून विरोधी हमें बेरोजगार करने पर तुले हैं।

नरेश डागर, प्रोजेक्ट मैनेजर, टोल प्लाजा

आंदोलनकारियों को यह तो सोचना चाहिए कि रोजगार नहीं रहा तो 250 परिवार सड़क पर आ जाएंगे। वे लोग कह रहे हैं कि अगर नौकरी जाएगी तो हम साथ खड़े होंगे, लेकिन जब टोल ही नहीं चलेंगे तो नौकरी को कौन बचा सकेगा। कृषि कानून विरोधियों को हमारे बारे में सोचना चाहिए।

दलेल सिंह, गंगायचा टोल मैनेजर

मैं डीघल टोल प्लाजा पर काम करता हूं और किसान का बेटा हूं। मेरी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। डीघल टोल दस माह से बंद है। टोल कलेक्शन नहीं हो रहा जिससे हमें आधा वेतन ही मिल रहा है। ज्यादा दिन टोल बंद रहा तो नौकरी जाने से कोई नहीं रोक सकेगा।

लक्ष्मण, टोल कर्मचारी


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