नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गिरफ्तार होने के बाद जेल में बंद एक कश्मीरी युवक को दिल्ली की कोर्ट से डिफाल्ट जमानत मिली है, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) तय समय सीमा के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में नाकाम साबित हुई थी।

एनआइए की लेटलतीफी का आरोपित को मिला लाभ

जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, नवंबर-2021 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथान (यूएपीए) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) निर्धारित समयसीमा के अंदर आरोप पत्र नहीं दाखिल कर पाई। वहीं, सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 वर्षीय कश्मीरी युवक फैयाज अहमद खान को डिफाल्ट जमानत दे दी।

कोर्ट ने कहा- आरोपित जमानत का हकदार

जांच एजेंसी NIA ने 14 मई को जम्मू-कश्मीर में 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' साजिश मामले में विभिन्न छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि दंड संहिता प्रक्रिया की धारा-167 (2) के तहत एनआइए द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने में चूक करने पर आरोपित जमानत पर रिहा होने का हकदार है।

आरोपित ने दायर की थी जमानत याचिका

180 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद भी आरोप पत्र नहीं दाखिल होने पर शान खान के अधिवक्ता ने जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दिया। हालांकि, एनआइए ने आवेदन का जवाब नहीं दिया। शाद खान समेत दो अन्य आरोपित मुजम्मिल मुश्ताक भट और मुदासिर अहमद डार के खिलाफ नवंबर 2021 में यूएपीए के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी समेत अन्य धाराओं में आरोपित बनाया गया था। 

Edited By: JP Yadav