घूस लेकर खिलाड़ियों के चयन का आरोप, HC के आदेश के बावजूद ट्रायल देने नहीं आईं कबड्डी टीमें
महिपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एएफकेआइ) पर घूस लेकर खिलाड़ियों के चयन का आरोप लगाया गया था।
नई दिल्ली [जागरण संवादताता]। जकार्ता से खेलकर लौटी कबड्डी की टीमें हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद निगरानी कमेटी के सामने ट्रायल के लिए नहीं आईं जबकि शनिवार के लिए ट्रायल तय किया गया था। रजत और कांस्य पदक जीतने वाली महिला और पुरुष टीमों का ट्रायल इंदिरा गांधी स्टेडियम में तय किया गया था। यह ट्रायल उन पुरुष व महिला खिलाड़ियों के बीच होना था, जिन्होंने एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और जिन्हें टीम में नहीं चुना गया था।
हाई कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
टीमों के चयन के खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद इस मैच के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसपी गर्ग और खेल एवं युवा मंत्रालय के एक अधिकारी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। टीम में चुने जाने से महरूम खिलाड़ी तो स्टेडियम में आए, लेकिन जकार्ता गई टीमें नहीं आईं।
घूस लेकर खिलाड़ियों के चयन का आरोप
एशियन गेम्स के लिए भारतीय कबड्डी टीमों के रवाना होने से पहले पूर्व कबड्डी खिलाड़ी महिपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एएफकेआइ) पर घूस लेकर खिलाड़ियों के चयन का आरोप लगाया गया था।
30 अक्टूबर को होगी सुनवाई
इसके बाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि एशियन गेम्स के समापन के बाद एक ट्रायल मैच का आयोजन किया जाएगा, ताकि यह पता चल पाए कि खिलाड़ियों के चयन के मामले में महिपाल सिंह के आरोप सही हैं या नहीं। अब दिल्ली हाई कोर्ट में 30 अक्टूबर को सुनवाई होनी है, जिसमें हाई कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी को जवाब दाखिल करना है।