प्रद्युम्न हत्याकांड पर बहस पूरी, 20 के फैसले पर सबकी नजर
आरोपी को वयस्क के दायरे में रखा जाए या नहीं, इस बारे में 20 दिसंबर को सुबह साढ़े दस बजे फैसला सुनाया जाएगा।
गुरुग्राम [ जेएनएन ]। प्रद्युम्न हत्याकांड के आरोपी छात्र को जमानत देने से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी। बोर्ड ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरोपी को फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती। आरोपी को वयस्क के दायरे में रखा जाए या नहीं, इस बारे में 20 दिसंबर को सुबह साढ़े दस बजे फैसला सुनाया जाएगा।
शुक्रवार दोपहर दो बजे से बोर्ड में बहस शुरू हुई जो लगभग साढ़े चार बजे तक चली। बहस के दौरान प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल, आरोपी पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर एवं सीबीआइ के अधिवक्ता अजय बस्सी ने अपनी-अपनी दलीलें दीं।
सबसे पहले आरोपी को वयस्क के दायरे में रखा जाए या नहीं इस बारे में बहस की गई। बहस के दौरान बोर्ड द्वारा गठित कमेटियों द्वारा सौंपी गई मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक जांच रिपोर्ट सभी पक्ष को दिखाई गई।
पूरी उम्मीद सेशन कोर्ट में जाएगा मामला
प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरी उम्मीद है कि आरोपी को वयस्क के दायरे में रखा जाएगा। मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक जांच रिपोर्ट की बातें सार्वजनिक नहीं की जा सकती हैं। उन लोगों को रिपोर्ट दिखाई गई, दी नहीं गई है। रिपोर्ट से साफ लग रहा है कि मामला सेशन कोर्ट में जाना चाहिए यानी आरोपी को वयस्क के दायरे में रखा जाएगा। सबकी निगाह इस फैसले पर टिकी है।
स्वभाव से काफी आक्रामक है छात्र
सूत्रों के मुताबिक मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक जांच रिपोर्ट में छात्र को आक्रामक बताया गया है। वह अपने परिजनोंं की लड़ाई से परेशान रहता था। इस वजह से वह काफी आक्रामक हो गया था। एक बार उसने स्कूल के टैंक में जहर डालने का मन बना लिया था। रिपोर्ट में उसके टीचर के हवाले से कहा गया है कि वह पढ़ाई में बेहतर नहीं था। वह अक्सर आक्रामक रुख दिखाता था।