जेएनयू छात्र संघ चुनाव: छात्रावास व पुस्तकालय के मुद्दे पर होगी वोटिंग
जेएनयू के चुनाव में कैंपस के मुद्दों के साथ देश के भी मुद्दे छाए रहते हैं। यहां छात्र संघ चुनाव के लिए छात्र 4 सितंबर को होने हैं।
नई दिल्ली (राहुल मानव)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव के लिए छात्र 4 सितंबर को होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट को लेकर काफी उत्साहित हैं। बहस में अनुच्छेद 370 को हटाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर छात्र संगठनों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बहस कर सकते हैं। इसके अलावा छात्र विश्वविद्यालय के कई मुद्दों को चुनाव में प्राथमिकता दे रहे हैं।
नए छात्रवास के निर्माण की मांग छात्र संघ चुनाव का बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। इसके अलावा साफ-सफाई, खेल की गतिविधियों को बढ़ाने, स्वास्थ्य सुविधाएं, पुस्तकालय जैसे मुद्दों पर भी छात्र चुनाव में वोट डालेंगे। साथ ही छात्रओं के लिए सैनिटरी वेंडिंग मशीनों की सुविधाओं को बढ़ाने और उनके रखरखाव के लिए वोट डाले जाएंगे। जेएनयू में 6 सितंबर के दिन छात्र संघ चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे।
जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस के सेंटर फॉर पॉलिटिकल साइंस के पीएचडी के छात्र और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) के सदस्य शुभांशु सिंह कहते हैं कि जेएनयू के चुनाव में कैंपस के मुद्दों के साथ देश के भी मुद्दे छाए रहते हैं। इस बार के छात्र संघ चुनाव में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी बहस होगी। हम चाहते हैं कि शिक्षा का निजीकरण बिल्कुल भी ना किया जाए।
एमए, पॉलिटिकल साइंस, स्कूल ऑफ सोशल साइंस के छात्र शंकर सिंह भाटी कहते हैं कि जो भी प्रत्याशी जीते उन्हें नए छात्रवास के निर्माण का मुद्दा प्रशासन के सामने उठाना चाहिए।
स्कूल ऑफ सोशल साइंस से पीएचडी कर रहे वेंकट चौबे का कहना है कि बीते कुछ समय में जेएनयू में नए स्कूल खुलने से अतिरिक्त 1500 छात्रों के दाखिले हुए हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए छात्र संगठनों को बढ़ चढ़कर प्रशासन से बात करनी होगी।
पॉलिटिकल साइंस, स्कूल ऑफ सोशल साइंस से एमए कर रहीं काव्या पाल कहती हैं कि विश्वविद्यालय को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा छात्राओं के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ को भी नियुक्त किया जाना चाहिए। अभी सिर्फ दो ही दिन इनकी उपलब्धता रहती है और मिलने का समय लेने में दो हफ्ते लग जाते हैं।
स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिट्रेचर एंड कल्चर स्टडीज के बीए के छात्र समंदर सिंह राठौर कहते हैं कि उनके लिए छात्रवास बड़ा मुद्दा है। छात्र संघ चुनावों में देश के मुद्दों के साथ कैंपस के मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए।
इससे पहले मंगलवार को जेएनयू छात्र संघ चुनावों में भागीदारी करने वाले छात्र संगठनों के प्रत्याशियों की ओर से उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए। दामोदर छात्रवास के पास स्थित टैफलास कैफे के पास एक इमारत में चुनाव समिति की ओर से नामांकन दाखिल करने के लिए तीन काउंटर निर्धारित किए थे। इसके पास सभी छात्र संगठनों की तरफ से स्टॉल लगाए थे। जिसमें नामांकन दाखिल करने के सिलसिले में प्रत्याशियों को सुझाव भी दे रहे थे।
छात्र संघ चुनाव के तहत केंद्रीय पैनल के चार मुख्य पदों - अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के लिए और स्कूलों के 43 काउंसलरों के लिए नामांकन दाखिल किए गए। सभी छात्र संगठनों के उम्मीदवारों की अंतिम सूची बुधवार को जारी की जाएगी। साथ ही कई उम्मीदवार बुधवार को नामांकन वापिस भी ले सकते हैं। एबीवीपी के जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने बताया कि बीते रविवार को संगठन की तरफ से चार मुख्य पदों के लिए आठ उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इन सभी ने मंगलवार को चारों मुख्य पदों पर नामांकन भरा है। वहीं सभी स्कूलों के काउंसलरों के लिए करीब 50 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है।