JNU Protest: बाहर के लोगों को छात्रावास में ठहराने पर होगी सख्त कार्रवाई
जेएनयू के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। छात्रावासों में कोई बाहरी व्यक्ति पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जेएनयू के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने 5 जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा के बाद फैले तनाव पर छात्रों के साथ चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। छात्रावासों में कोई बाहरी व्यक्ति पाया गया, तो कार्रवाई की जाएगी।
वार्डन को मिला सख्त निर्देश
जेएनयू के छात्र कल्याण डीन प्रो. उमेश ए कदम ने सभी वरिष्ठ वार्डन को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि छात्रावासों में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं रहे। मालूम हो कि पुलिस ने रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार को सुझाव दिया था कि जांच कराएं कि छात्रावास में कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं रह रहा और ऐसा पाए जाने पर तत्काल संबंधित थाने को सूचित किया जाए। यदि कमरों में कोई बाहरी, अवैध छात्र या गेस्ट मिलता है तो छात्रावास के नियमों के अनुसार जिस छात्र को वह कमरा आवंटित है उसके खिलाफ प्रशासनिक नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी और उसकी जानकारी संबंधित पुलिस थाने को भेज दी जाए।
वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पांच जनवरी को हुई हिंसा व तोड़फोड़ के मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआइटी शुक्रवार को साइबर एफएसएल टीम के साथ जेएनयू पहुंची। गत 3 और 4 जनवरी को जेएनयू के सेंट्रलाइज सर्वर रूम को वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसकी वजह से जेएनयू की ऑनलाइन सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई थी। इससे जेएनयू प्रशासन को भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद पांच जनवरी को भी कैंपस में मारपीट व तोड़फोड़ हुई। नुकसान का आकलन साइबर एफएसएल टीम कर रही है।
तकनीकी रूप से रिपोर्ट तैयार होगी
क्राइम ब्रांच का कहना है कि सर्वर रूम में हुए नुकसान का आकलन पुलिस नहीं कर सकती है। क्योंकि उन्हें टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तकनीकी रूप से इस मामले में रिपोर्ट तैयार की जानी है। इसीलिए साइबर एफएसएल टीम को इसके आकलन के लिए कहा गया है। साइबर एक्सपर्ट ही तफ्तीश के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर बताएंगे कि जेएनयू के सेंट्रलाइज सर्वर रूम में कितना नुकसान हुआ था।