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JNU Fee Hike: उच्च स्तरीय समिति ने की छात्रावास और सेवा शुल्क में कटौती की सिफारिश

JNU की उच्च स्तरीय कमेटी ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी मामले में छात्रों से राय लेकर अपनी सिफारिशें विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दी है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 08:28 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 09:41 AM (IST)
JNU Fee Hike: उच्च स्तरीय समिति ने की छात्रावास और सेवा शुल्क में कटौती की सिफारिश

नई दिल्ली, जेएनएन। नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) द्वारा उच्च स्तरीय समिति ने छात्रवास के नए शुल्कों को संशोधित करते हुए प्रशासन के पास इसकी सिफारिश की है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के छात्रों को छात्रवास के उपयोगिता शुल्क और सर्विस चार्ज 500 रुपये देना होगा। इससे पहले 13 नवंबर को जेएनयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में लिए गए फैसले में बीपीएल के छात्रों के लिए उपयोगिता शुल्क व सर्विस चार्ज को 2 हजार रुपये तक प्रति महीने किया था।

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जेएनयू के रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि समिति ने बीपीएल के छात्रों के लिए 75 फीसद तक इन दोनों शुल्कों में गिरावट कर दी है। साथ ही जेएनयू के अन्य सभी छात्रों को भी इन दोनों शुल्कों में 50 फीसद तक की रियायत दी गई है। सभी छात्रों के लिए इन दोनों शुल्कों के तहत दो हजार रुपये प्रति महीना, 13 नवंबर को हुई ईसी की बैठक में निर्धारित किया गया था। लेकिन उच्च स्तरीय समिति ने इसे घटाकर एक हजार रुपये प्रति महीने की सिफारिश की है। 13 नवंबर को जेएनयू की 283वें ईसी की बैठक में छात्रवास के नए नियमों और शुल्कों को तय किया गया था। इसे दोबारा उच्च स्तरीय समिति ने संशोधित किया है। छात्रवास के संशोधित हुए नए शुल्कों को जनवरी 2020 से जेएनयू कैंपस में लागू कर दिया जाएगा।

छात्रों से किया हड़ताल खत्म करने की अपील

डॉ. प्रमोद ने कहा कि हड़ताल के कारण अकादमिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता है कि वह हड़ताल समाप्त करें।

छात्र संघ और शिक्षक संघ का विरोध जारी है

वहीं संशोधित नए शुल्कों को दरकिनार करते हुए जेएनयू छात्र संघ एवं शिक्षक संघ का प्रशासन के खिलाफ विरोध जारी है। जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि वह इस दस्तावेज को अस्वीकार करते हैं।

शुल्क मामले में जेएनयू ने बनाई थी समिति

जेएनयू में छात्रवास शुल्क बढ़ोतरी और नई नियमावली मामले को सुलझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सात सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की थी। समिति की अध्यक्षता रेक्टर तृतीय प्रोफेसर राना प्रताप सिंह ने की। समिति ने रविवार शाम साढ़े पांच बजे तक ई-मेल के जरिये विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे थे।

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