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Jewar Airport: सड़क से लेकर हवा तक एयरपोर्ट की बढ़ेगी कनेक्टिविटी! सुझाव पर चल रहा मंथन

तुगलकाबाद से नोएडा सेक्टर 142 को मेट्रो से जोडऩे के लिए 15 किमी लंबे ट्रैक के निर्माण की जरूरत होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 07:49 AM (IST)
Jewar Airport: सड़क से लेकर हवा तक एयरपोर्ट की बढ़ेगी कनेक्टिविटी! सुझाव पर चल रहा मंथन
Jewar Airport: सड़क से लेकर हवा तक एयरपोर्ट की बढ़ेगी कनेक्टिविटी! सुझाव पर चल रहा मंथन

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। आइजीआइ एयरपोर्ट को वाया तुगलकाबाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ा जा सकता है। तुगलकाबाद से नोएडा सेक्टर 142 को मेट्रो से जोडऩे के लिए 15 किमी लंबे ट्रैक के निर्माण की जरूरत होगी। नॉलेज पार्क दो एक्वा लाइन स्टेशन से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो की डीपीआर पहले ही यमुना प्राधिकरण डीएमआरसी से तैयार करा चुका है।

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राइट्स ने आइजीआइ एयरपोर्ट से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मेट्रो कनेक्टिविटी देने के लिए इस रूट का सुझाव दिया है। दोनों एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए सड़क व हैलीकाप्टर सेवा का भी सुझाव दिया है। रैपिड ट्रेन से कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने अव्यवहारिक बताया है।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 2023-24 में व्यवसायिक हवाई सेवा की शुरुआत होगी। शुरुआत में सालाना एक करोड़ बीस लाख यात्री जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मिलने का अनुमान है। सबसे अधिक यात्री दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर समेत एनसीआर से होंगे। आइजीआइ एयरपोर्ट समेत दिल्ली एनसीआर से जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी देने के लिए मेट्रो, रैपिट ट्रेन, सड़क आदि का ढांचा तैयार होगा। यमुना प्राधिकरण ने एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए ट्रांसमॉडल पर राइट्स से सुझाव मांगे थे। राइट्स अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी है।

आइजीआइ एयरपोर्ट - जेवर एयरपोर्ट वाया तुगलकाबाद

दिल्ली में एयरो सिटी से तुगलकाबाद तक एक्सप्रेस मेट्रो ट्रैक का निर्माण हो रहा है। इस मेट्रो को नोएडा सेक्टर 142 में एक्वा लाइन मेट्रो से जोड़कर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी देने का राइट्स ने सुझाव दिया है। दोनों स्टेशन को जोडऩे के लिए करीब पंद्रह किमी का ट्रैक बनाना होगा। नॉलेज पार्क दो एक्वा मेट्रो स्टेशन से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो के लिए यमुना प्राधिकरण पहले ही डीएमआरसी से डीपीआर तैयार करा चुका है। प्रदेश सरकार ने इस रिपोर्ट को अध्ययन के लिए एनएमआरसी को भेजा है। आइजीआइ-जेवर एयरपोर्ट मेट्रो रूट करीब 68 किमी लंबा होगा। इस रूट पर एक्सप्रेस मेट्रो चलेगी। जो चुङ्क्षनदा स्टेशन पर रुकेगी। यह दूरी चालीस से पचास मिनट में पूरी होगी।

दिल्ली-पलवल एक्सप्रेस वे को खुर्जा पलवल मार्ग से जोड़कर कनेक्टिविटी

दिल्ली पलवल प्रस्तावित एक्सप्रेस वे से प्रस्तावित खुर्जा पलवल मार्ग को जोड़कर जेवर एयरपोर्ट को सड़क कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे जेवर एयरपोर्ट को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से भी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। सोहना से गुजरने वाले प्रस्तावित पलवल रेवाड़ी एक्सप्रेस वे से भी जेवर एयरपोर्ट जुड़ेगा।

गुरुग्राम को सोहना होकर रेवाड़ी पलवल एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा रहा है। इस मार्ग के जरिये जेवर एयरपोर्ट गुरुग्राम होते हुए आइजीआइ एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा। सड़क कनेक्टिविटी से हरियाणा के कई जिलों के साथ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिले भी जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण करने जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस वे से जेवर एयरपोर्ट को जोडऩे के लिए एनएचएआइ को बल्लभगढ़-जेवर के बीच सड़क मार्ग की व्यवहारिक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

रैपिड ट्रेन के लिए शासन स्तर पर होगी वार्ता

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली मेरठ रैपिड कॉरीडोर से कनेक्टिविटी देने को एनसीआरटीसी ने अव्यवहारिक बताया है। यमुना प्राधिकरण ने एनसीआरटीसी को दिल्ली मेरठ रैपिड कॉरीडोर के अशोक नगर स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट रैपिड कॉरीडोर की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा था। एनसीआरटीसी के रुख के बाद शासन स्तर से इस पर वार्ता हो सकती है। यह कॉरीडोर करीब 65 किमी लंबा होगा। इसके बनने से आइजीआइ, दिल्ली, मेरठ से यात्री सीधे जेवर एयरपोर्ट कम समय में पहुंच जाएंगे।

हैलीकॉप्टर सेवा का सुझाव

राइट्स ने आइजीआइ एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी के लिए दोनों के बीच हैलीकॉप्टर सेवा शुरू करने का भी सुझाव दिया है। इससे चंद मिनट में दोनों एयरपोर्ट के बीच की दूरी तय हो जाएगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर ने बताया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आइजीआइ एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए राइट्स से मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट पर रिपोर्ट मांगी गई थी। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं। इनका अध्ययन किया जा रहा है।

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