उर्दू साहित्य में रूचि रखने वालों के लिए अच्छी खबर, 20 सितंबर को दिल्ली में होगा ये कार्यक्रम
जश्न-ए-बहार ट्रस्ट की संस्थापक कामना प्रसाद ने कहा प्रोग्राम में उर्दू मर्सिया की कहानी और उसके हिन्दुस्तानी रंग-ओ-आहंग को दास्तानगोई की शक्ल में पेश किया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी दिल्ली की साहित्यिक की परम्परा को जारी रखते हुए हिन्दुस्तानी तहज़ीब और ज़बान-ओ-अदब के ख़िदमतगार जश्न-ए-बहार ट्रस्ट ने एक अनूठे कल्चरल प्रोग्राम "दास्तान-ए-मरसिया: कर्बला से काशी तक" का आयोजन किया है।
कार्यक्रम का आयोजन 20 सितम्बर 2109, शाम 6.30 बजे इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली, के बी एस अब्दुर रहमान आडीटोरियम में किया जा रहा है। इस प्रोग्राम में उर्दू मर्सिया की साहित्यिक यात्रा पर दास्तानगोई होगी। इस महत्वपूर्ण विषय पर एक विलक्षण प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है।
जश्न-ए-बहार ट्रस्ट की संस्थापक कामना प्रसाद ने कहा, 'प्रोग्राम में उर्दू मर्सिया की कहानी और उसके हिन्दुस्तानी रंग-ओ-आहंग को दास्तानगोई की शक्ल में पेश किया जाएगा। आप देखेंगे कैसे उर्दू मर्सियानिगारी की ज़रख़ेज़ ज़मीन पर एहतिजाजी शायरी यानी प्रोटेस्ट पोएट्री अंकुरित हुई थी और मर्सियानिगारी का ख़ास अंदाज़ किस तरह जंग-ए-आज़ादी में आज़ादी के मतवाले शायरों के भी ख़ूब काम आया था'।
कामना प्रसाद ने कहा के गुज़रे बरसों में ट्रस्ट द्वारा आयोजित कामयाब प्रोग्रामों के मद्देनज़र, ये स्टेज शो और नुमाइश, एक बार फिर देहली में पेश किये जा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की के जश्न-ए-बहार ट्रस्ट के हर प्रोग्राम की तरह दास्तान-ए-मर्सिया भी साहित्य प्रेमियों को पसंद आएगा और नयी पीढी को इस बेमिसाल कविता शैली और उससे वाबस्ता गंगा-जमनी कद्रों से जोड़ने में कामयाब रहेगा।
दास्तान-ए-मरसिया
'करबला से काशी तक' का स्क्रिप्टिंग और डायरेक्शन कामना प्रसाद और अपर्णा श्रीवास्तव रेड्डी ने किया है और इसे हिंदुस्तान की पहली खातून दास्तानगो फ़ौज़िया, नौजवान दास्तानगो फ़िरोज़ खान और युवा शायर पल्लव मिश्रा पेश करंगे। क़ाबिल-ए-ज़िक्र है के इस प्रोग्राम का आयोजन 'मोरारका फ़ाउन्डेशन' और 'तक्षशिला एजुकेशनल सोसाइटी' की मदद से किया जा रहा है।