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अभी भी आक्सीजन के लिए सिलेंडर पर आश्रित है जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल

जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 100 बेड के कोविड वार्ड का संचालन करने के लिए अस्पताल के पास पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारी है पर यदि बेड बढ़ते है तो कर्मचारियों की किल्लत सामने आ सकती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 06:39 PM (IST)
अभी भी आक्सीजन के लिए सिलेंडर पर आश्रित है जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल
अभी भी आक्सीजन के लिए सिलेंडर पर आश्रित है जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के लिए अभी जनकपुरी स्थित अतिविशिष्ट अस्पताल पूर्ण रूप से तैयार नहीं है। असल में दूसरी लहर के दौरान आई चुनौतियों से सबक लेते हुए सरकार प्रत्येक सरकारी अस्पताल में केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन व पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) प्लांट की व्यवस्था पर जोर दे रही है। ताकि तीसरी लहर के दौरान आक्सीजन की किल्लत के कारण किसी की मृत्यु न हो। पर अफसोस की बात यह है कि अतिविशिष्ट अस्पताल में यह कार्य कछुएं की रफ्तार से भी धीमी गति में चल रहा है। उस पर से अस्पताल प्रशासन का ढोलमोल रवैया व लापरवाह वाला मिजाज चिंता बढ़ा देता है।

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दूसरी लहर के अंतिम कुछ सप्ताह पहले ही अस्पताल में कोविड वार्ड अपनी पूरी क्षमता के साथ शुरू हुआ था। शुरुआती समय में यहां केवल 17 बेड से कोविड वार्ड की शुरुआत हुई थी और धीरे-धीरे आइसीयू बेड शुरू किए गए। मौजूदा समय में अस्पताल में 100 बेड का कोविड वार्ड तैयार है। जिसमें 50 आइसीयू बेड शामिल है।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को बेड बढ़ाने का आर्डर जारी कर दिया गया है, पर अभी तक उस दिशा में कोई काम शुरू नहीं हुआ है। अस्पताल में 50 वेंटिलेटर, 30 आक्सीजन कंसंट्रेटर व 635 आक्सीजन सिलेंडर है, जो 100 बेड के अनुकूल है। इसमें 50 बी-टाइप और शेष डी-टाइप सिलेंडर शामिल है। पर यदि भविष्य में बेड की संख्या बढ़ती है तो अस्पताल के समक्ष आक्सीजन की किल्लत खड़ी हो जाएगी, क्योंकि अस्पताल आज भी आक्सीजन की आपूर्ति के लिए सिलेंडर पर आश्रित है। असल में अस्पताल में केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन से जुड़ा कार्य पूरा हो चुका है, पर अभी तक उसका कनेक्शन नहीं हुआ है।

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन काे शुरू करने की फाइल लंबे समय से उच्च अधिकारियों के पास लंबित है। आश्चर्य की बात यह है कि दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की भारी किल्लत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन को शुरू करने की जहमत नहीं उठाई और संभावित तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहे है। दूसरी तरफ अस्पताल में पीएसए प्लांट लगाने का कार्य प्रगति पर है, पर केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन के बिना इसका कोई प्रयोग नहीं है, क्योंकि पीएसए प्लांट केंद्रीयकृत गैस पाइपलाइन से सीधे जुड़ा होता है। इन सब के अलावा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अस्पताल में भारी कमी है। फिलहाल अस्पताल में कोई एनेस्थीसिया विशेषज्ञ नहीं है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 100 बेड के कोविड वार्ड का संचालन करने के लिए अस्पताल के पास पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारी है, पर यदि बेड बढ़ते है तो कर्मचारियों की किल्लत सामने आ सकती है।


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