Ayodhya Case: जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष ने कहा- मान्य होगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अगर...
अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला नजदीक होने के चलते राजनीतिक के साथ सामाजिक गहमागहमी भी बढ़ती जा रही है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला नजदीक होने के चलते राजनीतिक के साथ सामाजिक गहमागहमी भी बढ़ती जा रही है। जहां पूरे देशभर की निगाहें इस फैसले पर टिकी हैं, वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि अयोध्या प्रकरण में साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, हमें मान्य होगा। गौरतलब है कि बुधवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी की पत्रकार वार्ता से पहले बांटे गए प्रेस नोट में यह जानकारी दी गई।
वहीं, पत्रकार वार्ता में अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों का मस्जिद पर दावा एतिहासिक तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मस्जिद का निर्माण बिना किसी हिंदू मंदिर को तोड़ बगैर किया गया है। हम अपने इस दावे के साथ खड़े हैं। अब सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा हम उसके साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हम मुस्लिमों के साथ भारत के हर नागरिक से अपील करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट आने वाले फैसले का सम्मान करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह लोग मस्जिद पर दावा नहीं छोड़ने वाले, पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे।
अरशद मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएं, उसे लोग माने। देश में शांति और आपसी भाईचारा बनाएं रखें। इस मसले पर संघ, सरकार और जमीयत एक साथ है। इतना ही नहीं, यह भी जानकारी मिली है कि शाम को वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से अरशद मदनी मुलाकात कर सकते हैं।
इससे पहले ऑड-इवेन के दौरान ऑड नंबर की गाड़ी से होने के चलते अरशद मदनी की गाड़ी का चालान कटा और वह देरी से पत्रकार वार्ता में पहुंचे।
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