पुलिस के खिलाफ कोर्ट जाएगा जामिया प्रशासन, पुलिस पर है छात्रों को पीटने का आरोप
जामिया प्रशासन की बुधवार को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब कोर्ट के द्वारा निर्देश पर ही पुलिस को एफआइआर दर्ज कराने की मांग की जाएगी।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। Jamia Millia Islamia University: जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन 15 दिसंबर 2019 की घटना के मामले में पुलिस के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए साकेत मेजिस्ट्रेट कोर्ट जाएगा। जामिया प्रशासन की बुधवार को हुई कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। जामिया प्रशासन के अनुसार पुलिस पर उस दिन विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घुसकर तोड़फोड़ करने और छात्रों पर बल प्रयोग करने का आरोप है।
घायल हुए थे कई छात्र
इस घटना में कई छात्रों के घायल होने का भी दावा जामिया प्रशासन ने किया है। जामिया के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा कि ईसी की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के बीच निर्णय लिया गया है कि पुलिस पर सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत साकेत मेजिस्ट्रेट कोर्ट में एफआइआर दर्ज कराने के लिए अर्जी दी जाएगी। अगले दो दिनों में कोर्ट में आवेदन किया जाने की उम्मीद है।
कई बार कर चुका है पुलिस से एफआइआर दर्ज कराने की मांग
15 दिसंबर के फौरन बाद जामिया प्रशासन की तरफ से स्थानीय थाने में पुलिस पर एफआइआर कराने के लिए लिखित शिकायत भी दी गई थी। इसके साथ ही जामिया प्रशासन इस मामले में पुलिस से कई बार एफआइआर दर्ज कराने की मांग कर चुका है।
जल्द जारी होगी परीक्षा की नई डेट
इसके अतिरिक्त ईसी की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि मौजूदा समय में जामिया की सेमेस्टर परिक्षाएं की नई डेटशीट को जारी किया जाएगा। दिसंबर 2019 में सेमेस्टर की रद हो चुकी परीक्षाओं को फिर से 9 जनवरी, 2019 से आयोजित किया जा रहा था। लेकिन, अब जो परीक्षाएं बच गई हैं उनके लिए सभी फैकल्टी के डीन ने ईसी की बैठक में बातचीत करने के बाद निर्णय लिया है कि इनके लिए नई डेटशीट जारी होगी। जिसकी सूचना छात्रों को उपलब्ध करा दी जाएंगी।
बेहतर होगी छात्रों की सुरक्षा
ईसी की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने की जरूरत होगी। वो लिए जाएंगे। 15 दिसंबर की घटना के बाद पहले से ही प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम में इजाफा कर दिया है।
एफआइआर दर्ज कराने के लिए छात्रों ने की थी कुलपति नजमा अख्तर से बात
वहीं पुलिस ने 15 दिसंबर की घटना पर उस समय दावा किया था कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में कुछ उपद्रवी कैंपस में घुस गए थे। उनकी तलाश करने के लिए कैंपस में सिपाही दाखिल हुए थे। वहीं पुलिस के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए सोमवार को जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर से छात्रों ने मुलाकात भी की थी।