इन खूबसूरत युवतियों के चक्कर में मत पड़ना, वेस्ट यूपी में चल रहा हनीट्रैप का खेल
हनीट्रैप गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस ने गिरोह में शामिल महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना पीएसी की 49वीं वाहिनी का हेड कांस्टेबल है।
नोएडा, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में हनीट्रैप के जरिये अमीर युवकों, कारोबारियों और नौकरीपेशा लोगों को चूना लगाने का खेल बड़ी तेज से चल रहा है। हनीट्रैप के इस खेल में युवतियां पहले तो पैसे वालों को अपनी खूबसूरती के जादू से फंसाती हैं फिर अपने साथियों के साथ मिलकर ब्लैकमेल करती हैं।
ताजा मामले में नोएडा क्राइम ब्रांच की स्टार-2 टीम ने दादरी कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के लोग अमीर एवं संभ्रात व नौकरी तलाश करने वाले लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर लाखों रुपये की रकम वसूलते थे। गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से इन लोगों को तलाशता था।
पुलिस ने गिरोह में शामिल महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना पीएसी की 49वीं वाहिनी का हेड कांस्टेबल है। पुलिस का दावा है कि गिरोह पिछले आठ महीने से सक्रिय था। गिरोह कई लोगों को हनी ट्रैप में फंसा कर लाखों रुपये वसूल चुका है। ऐसे लोगों की पता लगाया जा रहा है। उनसे शिकायत मिली तो गिरोह पर और भी मामले दर्ज किए जाएंगे।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि दादरी कोतवाली के तहत एक महिला द्वारा दो लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर रकम वसूलने का मामला सामने आया था। क्राइम ब्रांच की स्टार दो टीम के प्रभारी दिनेश यादव व सह प्रभारी यतेंद्र यादव को इसकी जांच सौंपी गई थी। टीम ने दादरी कोतवाली पुलिस की मदद से बुधवार को आरोपित महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अरुण कुमार निवासी खदाना थाना आहार बुलंदशहर, विजय सिंह चीमा, डिढौली जोया जिला अमरोहा व पुष्पेंद्र शर्मा निवासी सी-277 सेक्टर 36 ग्रेटर नोएडा के रूप में की गई है। गैंग का सरगना विजय सिंह चीमा 49वीं वाहिनी पीएसी की डी कंपनी गौतमबुद्ध नगर में हेड कांस्टेबल है।
आरोपित अरुण कुमार पेशे से इंजीनियर है और आरोपित महिला के साथ लिव इन में रहता था। वहीं पुष्पेंद्र शर्मा सामाजिक कार्यकर्ता व ग्रेटर नोएडा सेक्टर 36 आरडब्ल्यूए का महासचिव है। पुलिस ने आरोपितों से करीब तीन लाख रुपये, दारोगा की पीकैप, आइडी और सेंट्रो कार बरामद की है। गिरोह सोशल मीडिया के जरिये अमीरों को जाल में फंसाता था।
सोशल मीडिया पर प्रोफाइल देखकर अमीर, संभ्रात लोगों के साथ गिरोह की महिला सदस्य चैटिंग शुरू कर देती थी। मेलजोल बढ़ाकर जाल में फांसने के बाद बहाने से उन्हें घर बुलाती थी। गिरोह के लोग महिला के साथ पीड़ितों की आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो बना लेते थे। महिला पीड़ित पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मोटी रकम मांगती थी।
पीड़ित के इनकार पर उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने का ड्रामा रचते थे। इसके बाद गिरोह का सरगना पीएसी का हेड कांस्टेबल दारोगा की वर्दी में मौके पर पहुंचकर पीड़ित को कानून का भय दिखाकर डराता-धमकाता और फैसले के लिए दबाव बनाता था। उसके खिलाफ हापुड़ जिले के सिंभावली में थाना क्षेत्र में दुष्कर्म का एक मामला भी दर्ज है।