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5 मिनट के मौन से उठा सवाल, क्या AAP सरकार व अफसरों के बीच जारी है 'कोल्ड वार'

AAP सरकार और उसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का धरना तो खत्म हो गया है, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 10:28 AM (IST)
5 मिनट के मौन से उठा सवाल, क्या AAP सरकार व अफसरों के बीच जारी है 'कोल्ड वार'
5 मिनट के मौन से उठा सवाल, क्या AAP सरकार व अफसरों के बीच जारी है 'कोल्ड वार'

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और उसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का धरना तो खत्म हो गया है, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। जानकारी सामने आई है कि केजरीवाल सरकार से चार माह से चल रही तनातनी के बाद नौकरशाहों ने बुधवार से बैठकों में भाग लेना शुरू कर दिया है, लेकिन नौकरशाहों का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति लंच के समय 5 मिनट का मौन व्रत भी जारी है। इस कड़ी में बुधवार को मंडलायुक्त कार्यालय सहित कई अन्य सरकारी विभागों में मौन रखकर विरोध किया गया। शामनाथ मार्ग स्थित कार्यालय में मौन व्रत में मंडलायुक्त मनीषा सक्सेना भी शामिल हुईं।

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बता दें कि उपराज्यपाल की पहल पर अधिकारी मंगलवार से ही सरकार की बैठकों में शामिल होना शुरू कर दिए हैं। बुधवार को इसका असर भी दिखा। सभी मंत्रियों की बैठकों में अधिकारी पहुंचे। पर्यावरण सचिव के बैठक में नहीं पहुंचने से अभी तक परेशान रहे पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने भी बुधवार को बैठक की। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बैठक में भी सभी आइएएस व दानिक्स अधिकारी पहुंचे। वहीं सत्येंद्र जैन ने बुधवार को लगातार कई बैठकें अधिकारियों के साथ कीं। राजेंद्र पाल गौतम ने मंगलवार को ही अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

सुलह नहीं होने तक जारी रहेगा मौनव्रत

उधर, मुख्यमंत्री के बैठक नहीं करने पर उनके प्रति नाराजगी बनी हुई है। शामनाथ मार्ग स्थित मंडलायुक्त कार्यालय परिसर में मंडलायुक्त मनीषा सक्सेना के नेतृत्व में अधिकारियों व कर्मचारियों ने बुधवार को भी लंच समय में 5 मिनट का मौन व्रत किया। नई दिल्ली जिला की डीएम पूजा जोशी के नेतृत्व में मौन व्रत हुआ। दिल्ली सचिवालय में भी केजरीवाल के दफ्तर के सामने अधिकारियों ने मौन व्रत किया। सूत्रों का कहना है कि सुलह न होने तक मौन व्रत जारी रहेगा।

LG की सलाह दरकिनार कर अधिकारियों से नहीं मिले केजरीवाल

वहीं, उपराज्यपाल की सलाह को दरकिनार कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को भी अधिकारियों से नहीं मिले। दिल्ली सरकार में काम कर रहे अधिकारी मंगलवार से ही उनका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल बैठक किए बगैर ही बृहस्पतिवार सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। केजरीवाल की अनुपस्थिति में मनीष सिसोदिया उनका भी कार्यभार देखेंगे।

केजरीवाल का शुगर लेवल बढ़कर 400 के पार

बताया जा रहा है कि केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल बढ़कर 400 तक पहुंच गया है। बेंगलुरु में जिंदल नेचुरोपैथी सेंटर में उनका इलाज होगा। बता दें कि राजनिवास पर धरने पर बैठने के आठवें दिन मुख्यमंत्री केजरीवाल की सुरक्षा देने की सोमवार को गई अपील पर अधिकारी कुछ नरम पड़े थे।

10 दिनों के लिए केजरीवाल गए बेंगलुरु

मंगलवार को आइएएस एसोसिएशन ने कहा था कि वे लोग सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल के साथ बात करने को तैयार हैं। इसी दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी कहा कि केजरीवाल को दिल्ली सचिवालय जाकर अधिकारियों से बात कर विवाद सुलझाना चाहिए।

मंगलवार को ही आइएएस एसोसिएशन का बयान आया कि वे केजरीवाल का दिल्ली सचिवालय में इंतजार कर रहे हैं। शाम के समय केजरीवाल ने अपना धरना तो तोड़ दिया मगर वे दिल्ली सचिवालय न जाकर, सीधे अपने सिविल लाइन स्थित आवास पर चले गए।

उम्मीद की जा रही थी कि बुधवार को केजरीवाल की अधिकारियों के साथ बैठक होगी मगर दोपहर के समय मीडिया को जानकारी दी गई कि केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया है। सभी बैठकें रद कर दी हैं। शाम के समय पता चला कि केजरीवाल बृहस्पतिवार से 10 दिन के लिए इलाज कराने बेंगलुरु जा रहे हैं। वह नेचुरोपैथी से वहां जिंदल अस्पताल में इलाज कराएंगे। केजरीवाल पहले भी इस सेंटर में इलाज के लिए जा चुके हैं।

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