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बुराड़ी फांसीकांड में सामने आया सनसनीखेज खत, क्या 11 मौतों के पीछे किसी तांत्रिक का हाथ है

व्यक्ति का दावा है कि बुराड़ी फांसीकांड के पीछे कराला के एक तांत्रिक का हाथ है। उसका कहना है कि भाटिया परिवार कराला स्थित एक तांत्रिक के पास जाता रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 09:16 AM (IST)
बुराड़ी फांसीकांड में सामने आया सनसनीखेज खत, क्या 11 मौतों के पीछे किसी तांत्रिक का हाथ है

नई दिल्ली (जेेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत में 11 वें दिन एक खत ने सनसनी पैदा कर दी। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार (10 जुलाई) को सामने आए एक खत ने फिर सनसनी फैला दी। खत में 11 मौतों से जुड़े एक तांत्रिक का जिक्र है। खत में सिर्फ तांत्रिक का जिक्र ही नहीं है, बल्कि उसका नाम तक जाहिर कर दिया गया है। खत लिखने वाले व्यक्ति की मानें तो वह भाटिया परिवार को अच्छी तरह जानता है। 

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इस व्यक्ति का दावा है कि बुराड़ी फांसीकांड के पीछे कराला के एक तांत्रिक का हाथ है। उसका कहना है कि भाटिया परिवार कराला स्थित एक तांत्रिक के पास जाता रहा है और मंदिर में बैठने वाले तांत्रिक की पत्नी भी तंत्र-मंत्र करती है। गुमनाम व्यक्ति ने यह भी कहा कि यह तांत्रिक किसी को मारने या परेशान करने के बदले पैसे लेता है। भेजने वाले ने खुद को कराला का निवासी बताया है।

पुलिस कमिश्नर को संबोधित इस खत में व्यक्ति का कहना है कि वह खुद भाटिया परिवार को जानता है। खत लिखने वाले ने सनसनीखेज दावा किया है कि उसने परिवार के लोगों को उस तांत्रिक के पास आते-जाते देखा है।वहीं, इस खत को दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसा कोई खत उनके पास नहीं आया है, इसलिए इस पर किसी तरह की टिप्पणी करना सही है।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था


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