मंगलवार को संभावित भारत बंद के मद्देनजर NCR में बढ़ी सतर्कता, एक जिले में इंटरनेट सेवा बंद
दस अप्रैल को को भारत बंद की सूचना को पुलिस व प्रशासन के अफसर गंभीरता से ले रहे हैं।
हापुड़ (जेएनएन)। पिछले सप्ताह 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई भारी हिंसा को देखते हुए दिल्ली से सटे यूपी के कई जिलों के पुलिस प्रशासन ने सबक लिया है। यही वजह है कि 10 अप्रैल यानी मंगलवार को संभावित भारत बंद के एलान के बीच पुलिस प्रशासन ने सोमवार से ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में संभावित हिंसा को देखते हुए हापुड़ प्रशासन काफी सतर्क है। सूत्रों के मुताबिक, हापुड़ के साथ गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में भी प्रशासन सतर्क है।
जानकारी के मुताबिक, दस अप्रैल को को भारत बंद की सूचना को पुलिस व प्रशासन के अफसर गंभीरता से ले रहे हैं, इसके लिए तमाम टेलिकॉम कंपनियों की इंटरनेट सेवा सोमवार की शाम छह बजे से 24 घंटे के लिए बंद करने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। मंगलवार को शाम 6 बजे तक सेवा बहाल हो सकेगी।
बता दें कि कुछ संगठन 10 अप्रैल को भारत बंद का दम भर रहे हैं। हालांकि वे सामने नहीं आ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन किसी तरह की चूक नहीं करनी चाहता है।
सोशल मीडिया पर मैसेजों के वायरल होने से फिर कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय ने सोमवार को शाम 6 बजे से इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए बंद करने के आदेश दे दिए हैं। बीएसएनएल के मंडलीय अभियंता कृपाल सिंह ने बताया कि आदेशों का पालन कराया जा रहा है।
बता दें कि एससी एसटी एक्ट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया था, जिस दौरान कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुई और 10 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। खबरों के मुताबिक, 10 अप्रैल को अब फिर कुछ संगठनों ने भारत बंद का अह्वान किया है, जिसे लेकर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 अप्रैल को कुछ संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर 'भारत बंद' के अह्वान के मद्देनजर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की सलाह दी है। एडवाइजरी में राज्यों को सभी संवेदनशील स्थानों में गश्त करने के लिए कहा गया है, ताकि किसी भी तरह की क्षति या संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंच सके।
एडवाइजरी में जोर देकर कहा गया कि जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि कानून और व्यवस्था की स्थिति उनके अधिकार क्षेत्र में पूरी तरह से नियंत्रण में है।