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HTET रिजल्ट 2018: हर मुश्किल पर भारी पड़ा इंदू रानी का हौसला

इंदु ने एचटेट की परीक्षा स्वयं के बलबूते पर पास की है। न कहीं कोचिंग ली और न ही कामकाज छोड़ा।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 04 Mar 2018 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 04 Mar 2018 10:47 AM (IST)
HTET रिजल्ट 2018: हर मुश्किल पर भारी पड़ा इंदू रानी का हौसला
HTET रिजल्ट 2018: हर मुश्किल पर भारी पड़ा इंदू रानी का हौसला

गुरुग्राम (जेएनएन)। अगर हौसले बुलंद हों तो कोई काम मुश्किल नहीं होता, कुछ ऐसा ही कर दिखाया गुरुग्राम की सिविल लाइंस में रहने वाली इंदू रानी ने। इंदू रानी ने एचटेट की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इंदू बताती हैं कि वे शादीशुदा हैं और एक निजी महाविद्यालय में कार्यरत भी हैं। वे घर और ऑफिस दोनों संभालती हैं। उनके ससुर पैरालाइज हैं तथा कैंसर से भी ग्रसित हैं। ऐसे में उन पर जिम्मेदारियों का बोझ बना रहा।

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इतनी जिम्मेदारियां होने के बावजूद उन्होंने अपने हौसले को डगमगाने नहीं दिया। वे एचटेट की परीक्षा पास करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहीं। घर के कामकाज के साथ ऑफिस और फिर बीमार ससुर की देखभाल करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहा। उनको किसी संस्थान से कोचिंग लेने का समय नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्होंने सेल्फ स्टडी को महत्व दिया।

इंदू का कहना हैं कि कामकाज अधिक होने के कारण परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाता था। फिर भी रोजाना रात के समय तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थीं। उन्होंने पहले भी एक बार एचटेट की परीक्षा पास की है, लेकिन सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई।

इंदू ने सेक्टर 14 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की और सेक्टर नौ स्थित राजकीय पीजी महाविद्यालय से अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की। 2012 में शादी होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और एचटेट की तैयारी करने लगी।

उनका कहना है कि उन्होंने एचटेट की परीक्षा स्वयं के बलबूते पर पास की है। न कहीं कोचिंग ली और न ही कामकाज छोड़ा। सेल्फ स्टडी कर उन्होंने यह सफलता प्राप्त की हैं।

इंदू का कहना है कि वे बचपन से ही अध्यापक बनना चाहती थी। ऐसे में उनको शादी के बाद कामकाज और जिम्मेदारियों में उलझ जाने के कारण उनको अपना सपना पूरा करने के लिए कई स्तरों से गुजरना पड़ा। उनके पति राकेश कुमार ने उनको पूरा सहयोग दिया और एचटेट की परीक्षा पास करने के लिए प्रोत्साहित किया।

जब भी वे परिस्थितियों से घबराती थी तब उनके पति उनकी ताकत बन अपना पूरा समर्थन देते थे। अपनी इस सफलता के लिए वे अपने पति को ही आभारी मानती हैं। उनके पति नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में कार्यरत हैं।


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