दिल्ली में जल्द शुरू होगा इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन का काम, छह मेट्रो कॉरिडोर से जुड़ेंगे; हर दूसरे स्टेशन पर होगा इंटरचेंज
फेज चार के इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो लाइन (Indralok-Indraprastha Metro Line) के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इस मेट्रो लाइन पर औसतन हर दूसरा स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन होगा। लिहाजा इस कॉरिडोर की लंबाई महज 12.4 किलोमीटर होने के बावजूद मेट्रो के विभिन्न कॉरिडोर से जुड़ाव के लिए यह मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे आवागमन की सुविधा बेहतर होगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। फेज चार के इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो लाइन (Indralok-Indraprastha Metro Line) के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इस मेट्रो लाइन पर औसतन हर दूसरा स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन होगा। लिहाजा, इस कॉरिडोर की लंबाई महज 12.4 किलोमीटर होने के बावजूद मेट्रो के विभिन्न कॉरिडोर से जुड़ाव के लिए यह मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
इससे यात्रियों को अपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न इंटरचेंज स्टेशनों से मेट्रो बदलकर दूसरे कॉरिडोर की मेट्रो में सफर का अधिक विकल्प मिल पाएगा। इससे आवागमन की सुविधा बेहतर होगी।
ज्यादा हिस्सा जमीन के नीचे
यह दिल्ली मेट्रो का पहला कॉरिडोर होगा, जिसके 50 प्रतिशत स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी, DMRC) के अनुसार, इस कॉरिडोर का 1.02 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा। बाकी 11.34 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगा।
यह मेट्रो स्टेशन होंगे इंटरचेंज
इस मेट्रो कॉरिडोर पर एक एलिवेटेड व नौ भूमिगत स्टेशन होंगे। इस तरह कुल दस मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें से पांच इंटरचेंज स्टेशन होंगे। इसमें इंद्रलोक, नबी करीम, नई दिल्ली, दिल्ली गेट व इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे।
छह मेट्रो कॉरिडोर एक लाइन से जुड़ेंगे
इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो लाइन मौजूदा ग्रीन लाइन (बहादुरगढ़-इंद्रलोक) की विस्तार परियोजना है। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो लाइन के पांच इंटरचेंज स्टेशन छह मेट्रो कॉरिडोर को इस एक लाइन से जोड़ेंगे। इंद्रलोक रेड लाइन के साथ, नबी करीम मजेंटा लाइन, दिल्ली गेट वॉयलेट लाइन व इंद्रप्रस्थ स्टेशन ब्लू लाइन के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा।
वहीं, नई दिल्ली स्टेशन यलो लाइव व एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के वर्तमान मेट्रो स्टेशनों के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा।
केंद्र सरकार ने मार्च में इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो कॉरिडोर की परियोजना को स्वीकृति दी थी। इसके साथ-साथ 8.4 किलोमीटर लंबी लाजपत नगर-साकेज जी ब्लाक मेट्रो कॉरिडोर को भी स्वीकृति मिली थी।
डीएमआरसी का कहना है कि इन दोनों कॉरिडोर के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इत्यादि विभागों से जमीन अधिग्रहण व वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। वर्ष 2028 तक यह कॉरिडोर बनकर तैयार होंगे।