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Indian Railway: ट्रेनों में नहीं होंगी अब आगजनी जैसी घटनाएं, यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम

ट्रेन में उपलब्ध अग्निशमन उपकरण का प्रयोग सभी कर्मचारी कर सकें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस काम में किसी तरह की लापरवाही न हो इसे ध्यान में रखकर प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट दस अप्रैल तक रेलवे बोर्ड को भेजनी होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 04:42 PM (IST)
Indian Railway: ट्रेनों में नहीं होंगी अब आगजनी जैसी घटनाएं, यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम
ट्रेन में आग रोकने को सक्षम बनेंगे कर्मचारी

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। देहरादून शताब्दी और लखनऊ शताब्दी में आग लगने की घटना से रेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ट्रेन में तैनात कर्मचारियों को आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए सक्षम बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान शुरू किया जा रहा है। साथ ही सुरक्षा मानकों का कठोरता से पालन करने का भी निर्देश दिया गया है। एक सप्ताह में दो शताब्दी ट्रेनों में आग लगने से इनकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।

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 देहरादून शताब्दी में आग लगने का कारण धूमपान बताया जा रहा है। वहीं, लखनऊ शताब्दी के पार्सल वैन में प्रतिबंधित ज्वलनशील पदार्थ रखे जाने से आग भड़कने की संभावना जताई जा रही है। मामले की जांच के लिए रेलवे सुरक्षा बल की तीन कमेटियां गठित की गई हैं। इन दोनों घटनाओं में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन रेलवे बोर्ड ने इससे सबक लेते हुए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को तत्काल 15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने को कहा है। इस कार्यक्रम में विशेष तौर पर ट्रेन में तैनात होने वाले सभी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। उन्हें आग लगने के कारणों की जानकारी देने के साथ ही आग रोकने के उपाय के बारे में बताया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि यदि आग लग जाती है तो तत्काल क्या कदम उठाना है। नुकसान कम करने के उपाय बताए जाएंगे।

ट्रेन में उपलब्ध अग्निशमन उपकरण का प्रयोग सभी कर्मचारी कर सकें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस काम में किसी तरह की लापरवाही न हो, इसे ध्यान में रखकर प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट दस अप्रैल तक रेलवे बोर्ड को भेजनी होगी। अक्सर सुरक्षा मानकों में चूक की वजह से आग लगती है। इस तरह की खामी दूर करने को कहा गया है। कोच, पेंट्री कार और जेनरेटर यान की नियमित जांच कर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कहीं तार न लटकता मिले। अन्य उपकरणों की भी जांच कर खराबी को ठीक किया जाना चाहिए।

इसके सथ ही कोच में आग लगने की सूचना देने वाले उपकरण की भी नियमित जांच होगी। इसके साथ ही यात्रियों को आगजनी की घटनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा। कोच में यह देखा जाएगा कि प्रतिबंधित वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने व धूमपान की मनाही वाले साइन बोर्ड लगाए गए हैं या नहीं।

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