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16 दिन में चीनी एप बैन करने के बाद तैयार कर दी भारतीय मोबाइल एप

भारत सरकार की ओर से 29 जून को चीन के 59 एप बैन करने के 16 दिन के अंदर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के छात्र उत्कर्ष गुप्ता ने एक भारतीय मोबाइल एप तैयार कर दी है।

By Edited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 10:26 PM (IST)
16 दिन में चीनी एप बैन करने के बाद तैयार कर दी भारतीय मोबाइल एप
16 दिन में चीनी एप बैन करने के बाद तैयार कर दी भारतीय मोबाइल एप

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारत सरकार द्वारा 29 जून को कुल 59 चीन के एप बैन करने के 16 दिन के अंदर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के छात्र उत्कर्ष गुप्ता ने एक भारतीय मोबाइल एप तैयार कर दी है। उत्कर्ष आइआइटी दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष के छात्र हैं। उत्कर्ष ने चीनी एप कैमस्कैनर का विकल्प तैयार कर लिया है। इसका नाम डॉकस्टैक एप है।

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यह एप 16 जुलाई से ऐपल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसकी मदद से मोबाइल में मौजूद विभिन्न तरह के दस्तावेजों को बड़े ही आराम से ढूंढा जा सकेगा। उत्कर्ष ने बताया कि कई बार लोग अपने आधार कार्ड, फोन बिल, बिजली बिल की तस्वीर को मोबाइल से खींचकर अपनी फोन मेमोरी में एक रिकॉर्ड की तरह से शामिल कर लेते हैं। लेकिन कई बार जब उन्हें समय आने पर उनकी जरूरत होती है तो उन्हें अपने इन दस्तावेजों को मोबाइल में ढूंढने पर काफी समय लग जाता है।

ऐसे में डॉकस्टैक एप के सहयोग से वह अपने इन दस्तावेजों के नाम जैसे ही लिखेंगे उनके वह संबंधित दस्तावेज उनके सामने आ जाएंगे। उत्कर्ष ने बताया कि यह अभी ऐपल फोन प्रयोग कर रहे लोग ऐपल प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड कर सकते हैं। अभी यह ऐपल आइओएस के उपभोक्ताओं के लिए मौजूद है। लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं कि जल्द ही यह एंड्रायड मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे लोगों के लिए भी मौजूद हो जाए। उत्कर्ष ने बताया कि इस तरह के एप का निर्माण करने के लिए पहले से ही सोचा था। लेकिन चीनी एप के बैन होने के बाद इस पर काम करना शुरू किया।

आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो वी.रामगोपाल राव ने भी उत्कर्ष की इस उपलब्धि की सराहना की है। उत्कर्ष मूल रूप से गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर-2 के रहने वाले हैं। उनके पिता योगेश गुप्ता सिविल इंजीनियर हैं और खुद का व्यवसाय है। उनकी माता अल्पना गुप्ता गृहणी हैं। उत्कर्ष ने इंदिरापुरम के डीपीएस स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की थी। उनके 12वीं में 97 फीसद अंक फिजिक्स, कैमिस्ट्री व मैथ्स में आए थे। वहीं जेईई एडवांस में 1800 रैंक प्राप्त की थी। वर्ष 2018 में उन्होंने आइआइटी दिल्ली में दाखिला लिया था। साथ ही जेईई मेंस के बैचलर ऑफ आर्किटेक्टर की प्रवेश परीक्षा में पूरे भारत में 33वीं रैंक प्राप्त की थी। उत्कर्ष की प्राथमिकता है कि वह अभी अपनी उच्च शिक्षा को पूरा करें। वह बीटेक करने के बाद एमटेक करेंगे और इसके बाद खुदा का स्टार्टअप खोलने का भी लक्ष्य है।

चीन के एप बैन से भारत के स्टार्टअप उद्यमियों व छात्रों के लिए बहुत अवसर खुलेंगे

उत्कर्ष ने कहा कि चीन के बैन से भारत के स्टार्टअप उद्यमियों व कई छात्रों के पास बहुत सारे अवसर हैं। भारत को सभी मिलकर एक एप युक्त नई तकनीक का केंद्र बना सकते हैं। पहले छात्र भारत से पढ़ाई करके अमेरिका जाकर बड़ी मोबाइल एप कंपनियों में जाकर काम किया करते थे। लेकिन अब वह भारत में रहकर ही नई एप को तैयार कर सकते हैं।


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