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Nirbhaya Case Verdict: जानें, क्यों 7 जनवरी पर लगीं निर्भया के माता-पिता के साथ देशभर की नजरें

2012 Delhi Nirbhaya case निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 07:40 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 07:32 AM (IST)
Nirbhaya Case Verdict: जानें, क्यों 7 जनवरी पर लगीं निर्भया के माता-पिता के साथ देशभर की नजरें

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2012 Delhi Nirbhaya case : 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी की अंजाम देने वाले चारों दोषियों के लिए 7 जनवरी को दिन बेहद अहम होगा। इस दिन यानी मंगलवार (7 जनवरी) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय कुमार गुप्ता और मुकेश को फांसी की सजा के लिए डेथ वारंट जारी की याचिका पर फैसला दे सकती है। बता दें कि 7 जनवरी का दिन सिर्फ दोषियों के लिए ही नहीं, बल्कि निर्भया के माता-पिता के साथ करोड़ों देश वासियों के लिए अहम होगा। ऐसे में 7 जनवरी को सबकी नजरें दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पर रहेंगीं।

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दरअसल, निर्भया के माता-पिता ने पिछले महीने दिसंबर में चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में एक दोषी अक्षय ठाकुर की फांसी के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद डेथ वारंट पर अंतिम सुनवाई के लिए 7 जनवरी की तारीख तय की है।  

वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील राजीव मोहन का कहना है कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने और क्यूरेटिव पेटिशन सुप्रीम कोर्ट में दायर नहीं होने के बावजूद कोर्ट डेथ वारंट जारी हो सकता है। यह अलग बात है कि डेथ वारंट पर सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पेटिशन के आधार पर रोक लगा सकता है, लेकिन इससे फांसी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। वहीं, निर्भया के माता-पिता का कहना है कि निर्भया के साथ हुई दरिंदगी को 7 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन दोषियों को अब तक फांसी नहीं लगी है और न ही हमें इंसाफ मिला है। ऐसे में निर्भया के माता-पिता को भी पूरी उम्मीद है कि 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान माननीय कोर्ट चारों दोषियों की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर देगा। 

वहीं, चारों दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि हमारे पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के साथ सुप्रीमो कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने का विकल्प भी है। एपी सिंह का यह भी कहना है कि उम्मीद है कि यह याचिका 7 जनवरी को खारिज हो जाए।


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