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illegal colonies delhi: जानिए कैसे और कब तक मिलेगा आपको मालिकाना हक, पढ़िए पूरी खबर

illegal colonies delhi पहली श्रेणी में सरकारी जमीन पर बसी अनधिकृत कॉलोनियां एवं दूसरी श्रेणी में प्राइवेट जमीन पर बसी कॉलोनियां शामिल हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 05:59 AM (IST)
illegal colonies delhi: जानिए कैसे और कब तक मिलेगा आपको मालिकाना हक, पढ़िए पूरी खबर

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। illegal colonies delhi: लंबी रस्साकशी के बाद अंतत: केंद्र सरकार से नियमितीकरण की मंजूरी पाने वाली दिल्ली की 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों को दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। पहली श्रेणी में सरकारी और ग्रामसभा की भूमि पर बसी कॉलोनियों होंगी, जबकि दूसरी श्रेणी में प्राइवेट जमीन पर बसी कॉलोनियां। ग्रामसभा की भूमि पर बसी कॉलोनियों को शहरीकृत गांवों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ही इन कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया पूरी करेगा। साथ ही इनमें विकास के मानक भी तय करेगा। खाली जमीन चिह्नित कर वहां पार्क तथा सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराएगा।

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तीन श्रेणियों में बांटने की हुई थी सिफारिश
उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट में इन अनधिकृत कॉलोनियों को तीन श्रेणियों में बांटने की सिफारिश की गई थी। पहली श्रेणी में वे कॉलोनियां जो सरकारी जमीन पर बसी हैं। दूसरी श्रेणी में वे कॉलोनियां, जो ग्रामसभा की उस जमीन पर बसी हैं, जिस पर सरकार कब्जा नहीं ले सकी। तीसरी श्रेणी में प्राइवेट जमीन पर बसी अनधिकृत कॉलोनियां।

केंद्र का प्लान

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने कैबिनेट नोट में पहली और दूसरी श्रेणी को आपस में जोड़कर एक ही श्रेणी बना दिया है। पहली श्रेणी में सरकारी जमीन पर बसी अनधिकृत कॉलोनियां एवं दूसरी श्रेणी में प्राइवेट जमीन पर बसी कॉलोनियां शामिल हैं।

डीडीए की भूमिका

एलजी की रिपोर्ट के आधार पर ही इन कॉलोनियों को नियमित करने के संदर्भ में विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बड़ी भूमिका तय की गई है। सबसे पहले डीडीए दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की मदद से इन कॉलोनियों की रिमोट सेंसिंग और ड्रोन के जरिये मैपिंंग करेगा ताकि उनका डाटा अपडेट किया जा सके। इसके बाद एक सिंंगल विंंडो या पोर्टल शुरू कर शुल्क लेने की व्यवस्था करेगा। इन कॉलोनियों में विकास के मानक सामान्य कॉलोनियों से थोड़ा नरम एवं अलग होंगे।

इन 69 कॉलोनियों को राहत नहीं

एलजी की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार ने तीन बड़ी कॉलोनियों सैनिक फार्म, महेंद्रू एनक्लेव और अनंतराम डेयरी सहित 69 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमितिकरण की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। दरअसल, ये वे कॉलोनियां हैं, जो वन विभाग, यमुना खादर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की जमीन और मास्टर प्लान रोड पर बसी हुई हैं। केंद्र का मानना है कि इन कॉलोनियों में जमीन काफी महंगी है, उसे इतने सस्ते दाम पर नियमित करने की छूट नहीं दी जा सकती। इनमें प्लॉट महंगे व आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के हैं। इसलिए उन्हें राहत देने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है।

काम हुआ शुरू

दिल्ली उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने बताया  डीडीए ने अपना काम शुरू कर दिया है। सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से इन कॉलोनियों की मैपिंंग कराई जा रही है। इसके बाद इनकी चारदीवारी की जाएगी। वेब पोर्टल तैयार हो रहा है। इसे तैयार होने में करीब तीन माह का समय लगेगा। इसके बाद मालिकाना हक के लिए इसी पर आवेदन करना होगा। उम्मीद है कि जनवरी के आखिर या फरवरी की शुरुआत में इन कॉलोनियों को नियमित करने का काम शुरू हो जाएगा।


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