IIFT 2021 दिख रही रेलवे के विकास की झलक, वर्चअल रूम में मिलेगा कालका-शिमला रूट का आनंद
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और ट्रेनों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। मेले के हाल नंबर 11 में आते ही इसकी झलक मिलती है। रेलवे के पंडाल को श्री एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन बेंगलुरु की तरह बनाया गया है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बना भारतीय रेलवे का पंडाल अपने आप में विशेष है। यहां भारतीय रेलवे के विकास की झलक देखने को मिलती है। हाल के वर्षों में किए गए सुधार और हासिल की गई उपलब्धियों की जानकारी लेने के साथ ही दर्शक वर्चुअली कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच में सफर का आनंद उठा सकते हैं। यहां पुरस्कार जीतने का भी अवसर है। रेलवे से संबंधित प्रश्नों का सही जवाब देकर आप आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।
मेले के हॉल नंबर 11 में दिखेगी रेलवे के विकास की झलक
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और ट्रेनों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। मेले के हाल नंबर 11 में आते ही इसकी झलक मिलती है। रेलवे के पंडाल को श्री एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन बेंगलुरु की तरह बनाया गया है। इसके अंदर प्रवेश करते ही रेलवे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
कई रेलवे स्टेशनों का हो रहा विकास
देश में कई रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का काम चल रहा है। गुजरात के गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन और मध्यप्रदेश के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भोपाल (पुराना हबीबगंज स्टेशन) का पुनर्विकास कार्य पूरा हो गया है। इन दोनों स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया गया है। यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन दोनों स्टेशनों की प्रतिकृति यहां रखी गई है। स्टैच्यू आफ यूनिटी के नजदीक बने केवड़िया रेलवे स्टेशन को भी दर्शाया गया है।
पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की दिखेगी प्रतिकृति
देश में निर्मित पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की प्रतिकृति भी यहां देख सकते हैं। अभी नई दिल्ली से वाराणसी और नई दिल्ली से कटड़ा के बीच दो वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है। प्रधानमंत्री ने देश में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इसी तरह से आधुनिक सुविधाओं वाली हमसफर व तेजस ट्रेनें और हाल ही में भारतीय रेलवे में शामिल किए गए थर्ड एसी इकोनामी क्लास कोच व विस्टाडोम कोच को भी दर्शाया गया है।
यहां मिलेगी सबसे ताकतवर 12 हजार हार्स पावर इंजन की जानकारी
कोरोना काल में माल ढुलाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर (डीएफसी) का कुछ हिस्सा शुरू हो गया है। कारोबारियों की सुविधा के अनुसार बड़ी व छोटी मालगाड़ी चलाई जा रही है। रेलवे के पंडाल में माल ढुलाई को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की भी झलक मिलती है। यहां भारत का सबसे ताकतवर 12 हजार हार्स पावर का इंजन, आधुनिक वैगन व डीएफसी के काम व विशेषता की भी जानकारी मिलती है।
वर्चुअल रियलिटी रूम में मिलेगा कालका शिमला रूट पर सफर का मजा
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लाइन और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य के साथ ही भविष्य की रेल सुविधा के बारे में दर्शकों को बताया जा रहा है। यहां विशेष वर्चुअल रियलिटी रूम बनाया गया है जिसमें कालका-शिमला रूट पर चलने वाली ट्रेन के विस्टाडोम कोच में सफर का आभास होता है। ओलिंपिक में भारत को गौरवांवित करने वाले खिलाड़ियों के बारे में भी यहां जानकारी मिलती है।