जानिए क्या हुआ, जब कोर्ट में बच्चों ने कहा मेरा बाप कातिल है
हाई कोर्ट ने निचली अदालत की उम्रकैद की सजा रखी बरकरार। शराब के लिए रुपये देने से इन्कार पर पत्नी को किया आग के हवाले।
नई दिल्ली (जेएनएन)। शराब के लिए पत्नी से मारपीट के कई मामले आपने सुने होंगे। लेकिन ये मामला एकदम अलग और भयावह है। इस केस में पति ने शराब के लिए पत्नी से पैसे मांगे। पत्नी ने पैसे देने से मना कर दिया तो आरोपी ने तीन बच्चों के सामने पहले तो बेरहमी से उसकी पिटाई की। इसके बाद किरोसिन तेल डालकर उसे बच्चों की आंखों के सामने ही जलाकर मार दिया। बच्चे रोते रहे और मां को बचाने के लिए बाप से गुहार लगाते रहे, लेकिन उसका मन नहीं पसीजा।
मामला 17 अप्रैल 2012 का है। दिल्ली के नई बस्ती स्थित किशनगंज में परिवार के साथ रहने वाले शख्स ने उस दिन पत्नी से शराब के लिए पैसे मांगे। पति शराब का आदि है। लिहाजा पत्नी ने उसे शराब के लिए पैसे देने से इंकार कर दिया। इससे पति को इतना गुस्सा आया कि उसने घर में मौजूद अपने तीन मासूम बच्चों के सामने ही पत्नी की पिटाई शुरू कर दी।
पत्नी रोती रही। चिल्लाती रही। मार खाकर भी पति को समझाती रही। बच्चे भी मां को मार खाता और रोता हुआ देख बहुत सहम गए थे। बावजूद उन्होंने मां को बचाने के लिए पिता से गुहार लगाई। लेकिन शराब की भूख में उनका पिता इतना जालिम हो चुका था कि उसने बच्चों को डांटकर हटा दिया। घबराए हुए बच्चे घर के कोने में दुबक गए। और अपनी डरी हुई आंखों से मां को मार खाता और रोता देखते रहे।
इसी बीच पति ने ऐसा कदम उठाया जिसकी कल्पना शायद उसकी पत्नी को भी नहीं थी। उसने घर में रखा केरोसीन तेल का डब्बा उठाया और पत्नी पर उड़ेल दिया। इससे पहले की पत्नी कुछ समझ पाती या भागकर अपनी जान बचा पाती, उसके पति ने अपने मासूम बच्चों के सामने उनकी मां को आग के हवाले कर दिया।
आग से जल रही मां बार-बार पति से जान बख्शने की भीख मांगती रही। इससे पहले कि कोई उसकी मदद करता। बहुत देर हो चुकी थी। आनन-फानन में आस-पड़ोस के लोगों ने पुलिस को सूचना देकर महिला को अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पति को पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
मामला निचली अदालत में पहुंचा और लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी पति को उम्र कैद की सजा सुना दी। इसके बाद आरोपित ने निजली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एस मुरलीधर व न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने मामले में सुनवाई की। इस दौरान घटना के प्रत्यक्षदर्शी बच्चों का भी कोर्ट में बयान लिया गया। तीनों बच्चों ने कोर्ट को बता दिया कि उनका बाप ही उनकी मां का कातिल है। बच्चों ने कोर्ट को बताया कि कैसे उनके वहशी बाप ने उनकी आंखों के सामने उनकी मां की पहले पिटाई की और फिर बेरहमी से उन्हें जलाकर मारा डाला।
बच्चों के बयान के आधार पर हाई कोर्ट ने मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। हाई कोर्ट ने कहा जब तीनों बच्चे अपने पिता के खिलाफ बयान दे रहे हैं और उनके बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है तो उसमें कोई संदेह नहीं कि उनके पिता ने ही उनकी मां की हत्या की है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित को सजा देने के लिए उसके तीनों बच्चों का बयान ही पर्याप्त है। लिहाजा हाई कोर्ट ने आरोपी की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी।
बाप के जुर्माने से बच्चों को मिलेगा मुआवजा
पीठ ने निचली अदालत द्वारा लगाए गए 25 हजार के जुर्माने की धनराशि भी बरकरार रखी है। पीठ ने आदेश दिया कि आरोपी द्वारा जमा कराई जाने वाली जुर्माने की राशि बच्चों को बतौर मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह परीक्षण करे कि दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना के तहत बच्चों को कितना मुआवजा दिया जा सकता है।