गाजियाबादः अर्थला झील की जमीन पर बने अवैध मकान होंगे ध्वस्त, इस दिन होगी कार्रवाई
अर्थला झील की जमीन पर बने 350 से ज्यादा अवैध मकान तोड़े जाएंगे। एनजीटी के आदेश यह कार्रवाई होने जा रही है।
गाजियाबाद, जेएनएन। अर्थला झील की जमीन पर बने 350 से ज्यादा अवैध मकान तोड़े जाएंगे। एनजीटी के आदेश यह कार्रवाई होने जा रही है। नगर निगम ने 29 मई को ध्वस्तीकरण के लिए जिला प्रशासन का सहयोग मांगा है। विरोध की आशंका देखते हुए भारी पुलिस बल मांगा गया है। इससे पहले दो बार निगम ने यहां ध्वस्तीकरण का प्रयास किया था, जिसमें सफलता नहीं मिल पाई।
31 मई को एनजीटी में इस संबंध में जवाब दाखिल करना है। कड़कड़ मॉडल निवासी सुशील राघव एनजीटी में अर्थला झील और पक्षी विहार को लेकर याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया था कि पहले झील दो लाख तीन हजार 662 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई थी। लोगों ने झील की जमीन को घेर कर कॉलोनियां बसा दीं। अब झील का क्षेत्र करीब एक लाख 32 हजार वर्ग मीटर रह गया है। पक्षी विहार की जमीन पर एलिवेटेड रोड बना दी गई। अपनी याचिका में उन्होंने एनजीटी को यह भी बताया था कि नाले और सीवर के पानी जाने से झील दूषित हो रही है।
इस मामले में एनजीटी ने डीएम को झील से अतिक्रमण मुक्त हटाने का आदेश दिया था। उसे दूषित होने से रोकने के लिए सीवर और नाला बंद कराने के लिए कहा था। पक्षी विहार बनाने का मामला सरकारी के पाले में डाल दिया गया था। डीएम ने नगर निगम को अर्थला झील पर अवैध रूप से बने भवनों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। उस पर कार्रवाई करते हुए निगम ने झील की जमीन पर बने 350 से ज्यादा मकान चिह्नित किए।
तहसील के माध्यम से बेदखली की कार्रवाई भी कराई गई। मकान में रह रहे लोगों को नोटिस दे दिए गए थे। अब इन मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में छह बिंदुओं पर एनजीटी में जवाब दाखिल करना है। जिसमें आदेश से पहले झील की स्थिति और बाद की स्थिति को बताना है। दोनों स्थितियों की वीडियोग्राफी करानी हैं।
नगर निगम के अपर नगर आयुक्त आरएन पांडेय ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर अर्थला झील की जमीन पर अवैध रूप से बने मकानों को पहले ही चिह्नित कर लिया गया था। 29 मई को इन मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन और पुलिस से सहयोग मांगा गया है।