डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं अस्पताल, दिल्ली सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती
स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के कारण बेड क्षमता बढ़ाना मुश्किल हो रहा है। इस बीच ट्रेन के कोच बैंक्वेट हॉल इत्यादि में भी कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण बढते संक्रमण के बीच सरकारी व निजी अस्पताल कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत कई सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्स व पैरामडिकल कर्मचारियों की भारी कमी है। इस वजह से अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग से कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की है। अस्पतालों ने विभाग से कहा है कि बेड क्षमता बढाने के लिए अतिरिक्त डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के कारण बेड क्षमता बढ़ाना मुश्किल हो रहा है। इस बीच ट्रेन के कोच, बैंक्वेट हॉल इत्यादि में भी कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों व कर्मचारियों की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। इस वजह से जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों की नियुक्ति बड़ी चुनौती बनी हुई है।
हालांकि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने हाल ही में 763 नर्सिंग अधिकारियों व करीब 81 लैब तकनीशियनों को नियुक्ति के लिए चयन किया है। इन कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2018 से ही चल रही थी। नर्सिंग अधिकारियों के कुल 1024 पद के लिए पिछले साल अगस्त में परीक्षा ली गई थी। जिसका 13 जून को परिणाम घोषित किया गया है। अभी अस्पतालों में इन नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है लेकिन जल्द ही अस्पतालों में उनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है।
दो साल पहले ही नर्सिंग कर्मचारियों के नियुक्ति की मांग की गई थी
दिल्ली नर्सेज फैडरेशन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को मिलाकर करीब 45 हजार नर्सिंग कर्मचारी हैं। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में करीब 8000 नर्सिंग अधिकारी हैं। मरीजों की देखभाल में नर्सिंग अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। अस्पतालों में नर्सिंग कर्मचारियों की कमी के कारण मार्च में ही स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर दो साल पहले शुरू नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की थी। यदि ये कर्मचारी अब तक नियुक्त हो गए होते तो थोड़ी राहत होती। इन कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी नर्सिंग कर्मचारियों की कमी पूरी तरह दूर नहीं होगी।
लोकनायक अस्पताल में डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए अभी करीब 275 बेड की व्यवस्था है और 203 मरीज भर्ती हैं। इस अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 550 बेड की व्यवस्था की जा रही है। इसे बाद में बढ़ाकर 850 करने की भी योजना है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार 550 बेड पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब 300 डॉक्टरों और 400 नर्सिंग कर्मचारियों की मांग की गई है। लोकनायक अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए दो हजार बेड की व्यवस्था है। इस अस्पताल में अभी 740 मरीज भर्ती हैं और 1260 बेड खाली है। इस अस्पताल में भी डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी है। इसलिए कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है।
इसके अलावा सफदरजंग व आरएमएल अस्पताल भी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। यही नहीं, हाल ही में कोरोना का इलाज शुरू होने पर दो निजी अस्पतालों से कई नर्सिंग कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में होम आइसालेशन की सुविधा बंद किए जाने पर दिल्ली सरकार ने भी कहा था कि अस्पतालों में मरीजों का इतना दबाव बढ़ जाएगा कि जरूरत के मुताबकि डॉक्टर व नर्स नियुक्त करना आसान नहीं होगा।