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Delhi Violence: अमित शाह ने राज्यसभा में बताया सीएम केजरीवाल की मांग पर क्यों नहीं बुलाई सेना

अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 फरवरी को कहा था कि सेना बुला लीजिए। इसका कोई अर्थ नहीं था क्योंकि तब तक हिंसा शांत हो चुकी थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 07:24 PM (IST)
Delhi Violence: अमित शाह ने राज्यसभा में बताया सीएम केजरीवाल की मांग पर क्यों नहीं बुलाई सेना
Delhi Violence: अमित शाह ने राज्यसभा में बताया सीएम केजरीवाल की मांग पर क्यों नहीं बुलाई सेना

नई दिल्ली, एएनआइ। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गुरुवार को जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 फरवरी को कहा था कि सेना बुला लीजिए। इसका कोई अर्थ नहीं था क्योंकि तब तक हिंसा शांत हो चुकी थी।

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केजरीवाल पर तंज कसते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं उनके (केजरीवाल) की इमोशन को समझ सकता हूं। क्योंकि उनकी पार्टी के पार्षद के घर से ढेर सारी चीजें पकड़ी गई। जिसकी वजह से उन्हें अपनी पार्टी के पार्षद को निलंबित करना पड़ा।

बता दें कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के घर से हिंसा में तबाही मचाने वाली कई चीजें बरामद हुई थीं। इसके अलावा ताहिर पर आइबी कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने का आरोप है। ताहिर के खिलाफ अंकित के परिजनों ने मामला भी दर्ज कराया है। ताहिर हुसैन पर हिंसा को भड़काने समेत कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज है। वह फिलहाल गिरफ्तार हो चुका है। 

बुधवार को लोकसभा में दिया था बयान

इससे पहले बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के हर आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए अमित शाह ने हिंसा के पीछे बड़ी साजिश से जल्द पर्दा उठाने का भरोसा भी दिया था। उन्होंने बताया कि किस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्र के दौरान हिंसा फैलाने के लिए भड़काऊ बयान दिए गए। इसके लिए 22 फरवरी को सोशल मीडिया पर 60 से अधिक एकाउंट खोले गए और 26 फरवरी को बंद कर दिए गए। फेशियल रिकगनिशन तकनीक की मदद से 300 दंगाइयों की पहचान हुई है, जो उप्र से आए थे। इस तकनीक से 1100 लोगों को पहचान हो भी चुकी है। 2647 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की 40 टीमें कार्रवाई में जुटी हैं।

उन्होंने कहा था कि आइबी कांस्टेबल अंकित शर्मा के हत्यारों के नाम की भी जल्द घोषणा की जाएगी। सरकार अखबारों में विज्ञापन देकर, दंगाइयों के फोटो प्रकाशित कर और उनके वीडियो साझा कर लोगों से इनकी पहचान करने में मदद मांगेगी। उत्तर पूर्व दिल्ली के निवासियों के वोटर कार्ड और डीएल का ब्योरा एक सॉफ्टवेयर में डालकर दंगाइयों की तलाश की जाएगी। दंगे के लिए फंडिंग के सुबूत भी मिल रहे हैं और इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


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