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हाईकोर्ट ने विदेशी नागरिकों को जमानत देने से कर दिया इन्कार, जानिए क्या रही इसके पीछे की वजह

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो) और भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज दुष्कर्म के केस को रद करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच विवाद खत्म हो चुका है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 01:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 01:14 PM (IST)
हाईकोर्ट ने विदेशी नागरिकों को जमानत देने से कर दिया इन्कार, जानिए क्या रही इसके पीछे की वजह
दुष्कर्म का केस रद करने की मांग पर सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जमानत पर फिर से ड्रग्स तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार विदेशी नागरिक को जमानत देने से हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। अदालत ने पाया कि आरोपित नाईजीरियन नागरिक माइक उर्फ इम्मानुइल ने जमानत अवधि पूरी होने के बाद आत्मसमर्पण नहीं किया था। इसके चलते निचली अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था, लेकिन वह फिर से ड्रग्स तस्करी के आरोप में पकड़ा गया है।

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न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष की तरफ से दायर स्थिति रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आरोपित को अगर जमानत दी गई तो दोबारा अपराध कर सकता है। आरोपित को जमानत दी गई थी, लेकिन उसने समय पर सरेंडर नहीं किया। आरोपित एक विदेशी नागरिक है और संभावना है कि जमानत मिलने पर वह मुकदमे का सामना करने के लिए अदालत में पेश न हो। क्योंकि दिल्ली और भारत में आरोपित का कोई स्थानीय पता भी नहीं है।

नहीं चली अधिवक्ता की दलील

पीठ ने आरोपित के अधिवक्ता की उस दलील को भी ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि आरोपित की बहन की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण वह अदालत के समक्ष पेश नहीं हो सका। पीठ ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति थी तो आरोपित को अदालत के समक्ष पेश होकर कारण बताना चाहिए था। ऐसा नहीं करने से साबित होता है कि उसका इरादा ठीक नहीं था।

दुष्कर्म के केस को रद करने की मांग

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो) और भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज दुष्कर्म के केस को रद करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच विवाद खत्म हो चुका है। याची और युवती बालिग होने के बाद पति-पत्नी के तौर पर रह रहे हैं। याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि 11 फरवरी 2022 को होने वाली अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल किया जाए।

अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्र के माध्यम से दायर याचिका में 29 मार्च 2017 को पुलिस स्टेशन रंजीत नगर में दर्ज केस को रद करने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार केस दर्ज किए जाने के समय लड़की नाबालिग थी और याची के साथ प्रेम संबंध में थी। उसने कुछ गलतफहमी में एफआइआर दर्ज कराई थी। याचिकाकर्ता को जुलाई 2018 को गिरफ्तार किया गया था। न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान याचिकाकर्ता को शादी करने के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। इसके बाद दोनों ने दिसंबर 2019 में शादी कर ली थी। इस मुकदमे को रद करने के लिए दोनों समझौते पर हस्ताक्षर करके संयुक्त हलफनामा दाखिल किया है।

क्राइम ब्रांच ने किया गया था गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने उसे आरके आश्रम के पास से ड्रग्स तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया था। तीस हजारी अदालत ने जुलाई 2016 में जमानत दी थी, लेकिन बाद में उसने आत्मसर्पण नहीं किया। इसके बाद अगस्त 2019 में वह आनंद विहार इलाके से गांजा के साथ उसे पकड़ा गया। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपित ने बेल जंप कर इसी तरह का एक और अपराध किया।


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