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प्रदूषण पर लगाम के लिए बड़ा फैसला, दिल्‍ली में 11 नवंबर तक ट्रकों के प्रवेश पर रोक

गुरुवार की रात 11 बजे के बाद से दिल्‍ली में नहीं घुस सकेंगे। आज रात से इनकी इंट्री दिल्‍ली में बैन हो जाएगी। यह बैन 11 नवंबर की रात 11 बजे तक जारी रहेगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 07:34 AM (IST)
प्रदूषण पर लगाम के लिए बड़ा फैसला, दिल्‍ली में 11 नवंबर तक ट्रकों के प्रवेश पर रोक

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारी वाहन और मझोले वाहन  बृहस्पतिवार की रात 11 बजे के बाद से दिल्‍ली में नहीं घुस पा रहे हैं। रात से ही इनकी इंट्री दिल्‍ली में बैन हो जाएगी। यह बैन 11 नवंबर की रात 11 बजे तक जारी रहेगा। हालांकि, जरूरी वाहनों को इस मामले में छूट प्राप्‍त रहेगी। यह जानकारी दिल्‍ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से दी गई है। दिवाली के बाद प्रदूषण के हालात खतरनाक स्‍तर पर हैं, इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है।

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पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मंगलवार की शाम इस आशय के निर्णय पर मुहर लगा दी गई थी। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस  आयुक्त को भी लिखित निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

दिवाली के बाद हालात ऐसे हैं कि सांस लेने में कई लोगों को तकलीफ हो रही है। खास  कर सांस लेनेके वाले मरीजों को ज्‍यादा परेशानी हो रही है। कई एजेंसियों ने पहले ही चेताया था कि समय पर अगर नहीं चेते तो स्‍थिति गंभीर हो जाएगी।

इसलिए हर पहलू पर काम हो रहा ताकि दिल्ली को स्मॉग चैंबर नहीं बनने दिया जाए। मालूम हो कि छोटे-बडे़ सभी मिलाकर दिल्ली से रोजाना करीब 35 हजार ट्रक गुजरते हैं। दिल्ली के हालात सुधरने तक इन ट्रकों को बॉर्डर पर ही खड़े रहना होगा।

ऑड-इवेन को ईपीसीए ने बताया अव्यवहारिक
ईपीसीए के मुताबिक दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था काफी लचर है। इसलिए ऑड-इवेन बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है। इसे लागू करने पर ओला एवं उबर टैक्सी कंपनियों की ही चांदी होगी। जबकि इनमें भी बहुत सी टैक्सियां चोरी छिपे डीजल से चल रही हैं। इसके बजाय अगर जरूरत पड़ी तो सीमित अवधि के लिए निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया जा सकता है।

जब तक सीएनजी, डीजल, पेट्रोल वाहनों को परिवहन विभाग हरे और नीले रंग के स्टिकर जारी नहीं करता, ऑड-इवेन लागू करने का कोई लाभ नहीं है। जरूरत के अनुसार इस साल निजी वाहनों का इस्तेमाल ही सीमित या प्रतिबंधित किया जाएगा।

-डॉ. भूरेलाल, अध्यक्ष, ईपीसीए


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