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मौसम के बदले मिजाज से बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा, पढ़ें- कैसे कर सकते हैं बचाव

विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर से पसीना आना अच्छी बात है। पसीना आना बंद होना हीट स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से तुंरत संपर्क करना चाहिए।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 04 Jun 2017 09:13 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2017 10:40 PM (IST)
मौसम के बदले मिजाज से बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा, पढ़ें- कैसे कर सकते हैं बचाव
मौसम के बदले मिजाज से बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा, पढ़ें- कैसे कर सकते हैं बचाव

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। गर्म हवाओं व अचानक मौसम के बढ़े तापमान ने रविवार को सड़क पर निकले लोगों को चेहरा ढकने को मजबूर कर दिया। झुलसा देने वाली इस गर्मी व मौसम के बदले मिजाज से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, इसलिए धूप में संभल कर निकलें। थोड़ी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों के लिए मौसम का यह मिजाज खतरनाक साबित हो सकता है।

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विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्मी में शरीर से पसीना आना अच्छी बात है। पसीना आना बंद होना हीट स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से तुंरत संपर्क करना चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए लोगों को धूप में जाने से परहेज करना चाहिए व खूब पानी पीना चाहिए। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने पर अधिक देर तक धूप में रहने से हीट स्ट्रोक की आशंका रहती है। हीट स्ट्रोक का असर लिवर, किडनी व हृदय पर भी पड़ सकता है। ऐसे में यह जानलेवा साबित हो सकता है।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि हवा में नमी कम होने पर हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। इसलिए लोगों को नींबू पानी अधिक पीना चाहिए। इसके अलावा छतरी लेकर बाहर निकलना चाहिए। धूप से बचाव के लिए लोग चेहरे को कपड़े से भी ढंक सकते है। प्यास लगने पर उसे नजरअंदाज न करें। गर्मी में पसीना अधिक निकलने से डिहाइड्रेशन होने की भी आशंका रहती है। इससे बचाव के लिए हर तीन घंटे पर पानी पीना चाहिए।

सूती कपड़ों का इस्तेमाल करें

गर्मी में स्किन बर्न की समस्या भी होती है। बच्चों को इसकी परेशानी अधिक होती है। इसलिए मोटे कपड़ो की जगह हल्के कपड़े पहनने चाहिए। सूती कपड़ों का इस्तेमाल बेहतर होता है। सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करना बेहतर रहेगा।

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ऐसे करें बच्चों व बुजुर्गों का बचाव

मकानों में ऊपरी मंजिल पर रहने वाले लोगों को बच्चों व बुजुर्गों के बचाव के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि तापमान अधिक होने पर पंखे की हवा भी गर्म होती है। उससे भी लू लगने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में बच्चों को बुखार, उल्टी व दस्त हो सकता है। बुजुर्गों का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है इसलिए उन्हें कूलर या एसी वाले कमरे में रखें। 


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