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दिल्ली में कोरोना के बाद बढ़ी हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या, रिपोर्ट में खुलासा

दिल्ली में कोरोना के पहले भी दस वर्ष में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से होने वाली मौंते दोगुनी हो गई हैं। कोरोना के दूसरे वर्ष में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से 46.26 प्रतिशत अधिक लोगों की हुई मौतें।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Nitin YadavPublished: Mon, 06 Feb 2023 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 10:46 AM (IST)
दिल्ली में कोरोना के बाद बढ़ी हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। भागदौड़, तनाव भरी जिंदगी, गलत खानपान और प्रदूषण दिल्ली वालों के दिल पर बेहद भारी पड़ रहा है। कोरोना ने दिल के इस दर्द को और ज्यादा बढ़ा दिया। मृत्यु पंजीकरण की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है।

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इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार कोरोना का संक्रमण शुरू होने से पहले दस वर्षों में दिल्ली में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों के कारण मौतें दोगुनी बढ़ चुकी थीं। कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर इसके दूसरे वर्ष में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से मौतें 46.26 प्रतिशत बढ़ गईं।

सचेत करने वाली है रिपोर्ट

यह रिपोर्ट लोगों को सचेत करने वाली है। दिल्ली ही नहीं बल्कि एनसीआर के शहरों में ही हार्ट अटैक से मौतें बढ़ी हैं। असल में दिल्ली में वर्ष 2010 से 2012 के दौरान हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों के कारण हर वर्ष औसतन 10,218 मौतें हुई थीं, जो वर्ष 2019 में 20 हजार से अधिक पहुंच गईं। वहीं कोरोना के दूसरे वर्ष में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों के कारण 29,546 लोगों की मौतें हुईं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 9345 अधिक है।

इस वजह से 12 वर्षों में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों से होने वाली मौतें करीब तीन गुना तक बढ़ गईं हैं। कोरोना के दौरान अस्पतालों में दूसरी बीमारियों के इलाज की सुविधाएं प्रभावित थीं। मृत्यु पंजीकरण के आंकड़े में इसका असर भी दिख रहा है। मृत्यु पंजीकरण की रिपोर्ट के अनुसार 32.44 प्रतिशत (9586) मरीजों की मौत घर में हुई। रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों के कारण जान गंवाने वाले 27.38 प्रतिशत लोगों की उम्र 44 प्रतिशत से कम होती है।

खराब जीवनशैली और प्रदूषण से समस्या

एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. राकेश यादव ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि गलत जीवनशैली, धूमपान और प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक और दिल की बीमारियां बढ़ी हैं। कोरोना के कारण यह समस्या और ज्यादा बढ़ गई। इसका कारण यह है कि कोरोना से पीड़ित करीब चार प्रतिशत लोग मायोकार्डाइटिस से पीड़ित हुए। यह भी दिल की गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है।

इसलिए जिन्हें कोरोना का गंभीर संक्रमण हुआ था उन्हें थोड़ी परेशानी होने पर भी डाक्टर से जरूर दिखाना चाहिए। कई बार सांस फूलने पर लोग खुद से पफ ले लेते हैं। सांस फूलने का एक कारण दिल की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए डाक्टर से जरूरत दिखाना चाहिए। डायबिटीज व ब्लड प्रेयर को नियंत्रित रखना चाहिए। धूपमान ना करें। इसके अलावा प्रदूषण की समस्या दूर करने की भी जरूरत हैं।

दिल्ली में पिछले 12 वर्षों में हार्ट अटैक व दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौत के आंकड़े

  • वर्ष-          मौतें                अस्पतालों में मौत                  अस्पतालों में मौत प्रतिशत में
  • 2010-      8236                  8215                                       99.75
  • 2011-      10,694                8435                                       78.88
  • 2012-       11,724               9420                                        80.35
  • 2013-       11,522               9617                                         83.47
  • 2014-      10,880                9455                                         86.90
  • 2015-      12,680                11,875                                       93.65
  • 2016-      16,665                15,919                                       95.52
  • 2017-      17,840                 17,203                                      96.43
  • 2018-      20,169                 19,445                                       96.41
  • 2019-      20,201                  18,621                                       92.18
  • 2020-      16,189                   13,955                                      86.20
  • 2021-      29,546                    19,960                                     67.56

उम्रवार मौतें प्रतिशत में

उम्र वर्ग मौतें

  • 14 वर्ष से कम- 5.42
  • 15 से 24 वर्ष-  4.74
  • 25 से 44 वर्ष- 17.22
  • 44 से 64 वर्ष- 38.26
  • 65 वर्ष से अधिक-  33.93

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