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चिराग पासवान की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज, फैसले का इंतजार

चिराग ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें उनके चाचा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को मान्‍यता दी है। आज कोर्ट में सुनवाई होनी है और फैसला आना है। सभी को इस फैसले का इंतजार है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 12:35 PM (IST)
चिराग पासवान की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज, फैसले का इंतजार
चिराग ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और शीर्ष नेतृत्‍व को धेाखा देने की वजह से राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते पशुपति कुमार पारस को पार्टी से निकाला जा चुका है। इस वजह से वे लोजपा के सदस्‍य नहीं हैं। चिराग ने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिड़ला के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें उनके चाचा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के गुट को मान्‍यता दी है। इस मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होनी है और फैसला आना है। सभी को इस फैसले का इंतजार है।

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पशुपति कुमार पारस को नेता सदन के रूप में मान्‍यता देने के फैसले की चुनौती वाली याचिका की सुनवाई दिल्‍ली हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा पल्‍ली के बेंच में होनी है। बता दें कि चिराग पासवान ने यह भी कहा है कि लोजपा की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के 75 में से 66 सदस्‍य हमारे साथ हैं। इस बाबत सभी ने एफिडेविट भी दिया है।

13 जून को हुई थी विवाद की शुरुआत

मालूम हो कि पशुपति कुमार पारस के नेतृत्‍व में लोजपा के पांच सांसदों ने बगावत कर दी थी। इसकी शुरुआत 13 जून की शाम हुई थी। इसके बाद 14 जून को बागी सांसदों ने पारस को संसदीय दल का नया अध्‍यक्ष चुना। मान्‍यता के लिए लोकसभा में पारस गुट ने अध्‍यक्ष को सूचना दी। लोकसभा सचिवालय से उन्‍हें मान्‍यता मिल गई थी। फिर चिराग पासवान ने राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर सभी पांच सांसदों को लोजपा से निष्‍कासित करने की सिफ‍ारिश की।

इधर चिराग पासवान ने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि लोजपा सांसद के रूप में पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है तो वे हाईकोर्ट जाएंगे। मंत्रिमंडल विस्‍तार के दिन उन्‍होंने याचिका दायर की थी। बताया जाता है कि मामला अभी चुनाव आयोग के पास अटका है। आयोग के निर्णय से स्थिति स्‍पष्‍ट होगी।


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