Move to Jagran APP

समुदायिक भवनों में खुलेंगे जिम और रेस्तरां, कम बुकिंग वाले सेंटरों को आउटसोर्स करेगा निगम

निगम ने इसके लिए आउटसोर्स करने की नीति बनाई है। इसके तहत समुदाय भवनों को किराये के लिए आउटसोर्स किया जाएगा। इसमें रेस्तरां जिम योगा सेंटर शैक्षणिक कार्य समेत अन्य मान्य व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेगी।फिलहाल निगम ने तीन समुदायिक भवनों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसके लिए चुना है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:53 PM (IST)
राजस्व के लिए तीन समुदाय भवनों को पायलट प्रोजेक्ट पर शुरू होगा कार्य।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। काॅलोनियों में अनुपयोगी साबित हो रहे समुदायिक भवनों में अब रेस्तरां और जिम नजर आए तो हैरान न हो। निगम ने इसके लिए आउटसोर्स करने की नीति बनाई है। इसके तहत समुदाय भवनों को किराये के लिए आउटसोर्स किया जाएगा। इसमें रेस्तरां, जिम, योगा सेंटर, शैक्षणिक कार्य समेत अन्य मान्य व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेगी। फिलहाल निगम ने तीन समुदायिक भवनों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसके लिए चुना है। इसमें ग्रेटर कैलाश-2 में दो समुदायिक भवन है तो वहीं अमर कालोनी सामुदायिक भवन की पहली मंजिल है। जिन्हें निगम किराये पर देगा। अगर, इससे सकारात्मक परिणाम आते हैं तो निगम अन्य अनुपयोगी सामुदायिक भवनों को इसी नीति के तहत व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किराये पर देगा।

loksabha election banner

दरअसल, ऐसी कालोनियां जहां पर उच्च आय श्रेणी के लोगों की संख्या की अधिक हैं वहां पर लोग निगम के सामुदायिक भवनों का उपयोग करने से कतराते हैं। इतना ही नहीं जो सामुदायिक भवन हैं भी वहां पर पार्किंग की सुविधा नहीं है। इन कई कारणों से इनकी बुकिंग नहीं होती है। ऐसे में निगम के इन सामुदायिक भवनों को आउटसोर्स करने की बात काफी समय से हो रही थी। इसको लेकर विभाग ने नीति बनाकर इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है।

दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टीनेट कर्नल (सेवानिवृत) बीके ओबराय ने बताया कि जो-जो मान्य गतिविधिया हैं उनके लिए इन समुदायिक भवनों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सामुदायिक भवन की निगरानी के एक चौकीदार और एक मैनेजर व दो अन्य लोग वहां पर तैनात रहते हैं। इन सामुदायिक केंद्रों की इतनी भी बुकिंग नहीं आ रही है जिससे इनका वेतन भी दिया जा सके।

ऐसे में निगम को राजस्व मिले और संसाधनों का सदुपयोगी साबित हो इस दिशा में हमने यह कदम बढ़ाया है। जहां पर हम समुदाय भवनों को बैंक, रेस्तरां, जिम योगा सेंटर, कोचिंग सेंटर समेत आदि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इन्हें किराये पर देंगे। उल्लेखनीय है कि दक्षिणी निगम क्षेत्र में 93 सामुदायिक केंद्र हैं तो वहीं पूर्वी निगम इसकी संख्या 70 तो उत्तरी निगम क्षेत्र में यह 124 हैं। उत्तरी निगम ने भी पहले इस तरह का प्रस्ताव पारित किया था।

निगम यह भी होगा लाभ

निगम के मुताबिक जब इन सामुदायिक केंद्रों को आउटसोर्स कर दिया जाएगा तो इसका लाभ इस तरह से भी मिलेगा कि हमारे वहां पर कर्मचारियों की तैनाती नहीं करनी पड़ेगी। इससे इन कर्मचारियों को निगम स्कूल या अन्य दूसरी इमारतों में तैनात करेगा। निगम में पहले ही कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में इस कमी को पूरा किया जा सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.