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जीआइएस से लैस उत्तर भारत का पहला शहर बना गुरुग्राम, लगेंगे 5000 सीसीटीवी कैमरे

धरातल से मात्र 5 सेंटीमीटर ऊंचाई की वस्तु भी ऑनलाइन जूम करने पर साफ दिखाई देगी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 01:29 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 11:42 AM (IST)
जीआइएस से लैस उत्तर भारत का पहला शहर बना गुरुग्राम, लगेंगे 5000 सीसीटीवी कैमरे
जीआइएस से लैस उत्तर भारत का पहला शहर बना गुरुग्राम, लगेंगे 5000 सीसीटीवी कैमरे

गुरुग्राम (जेएनएन)। साइबर सिटी उत्तर भारत का पहला ऐसा शहर बन गया है, जो ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) से लैस होगा। जो पानी, सीवरेज, बिजली, सड़क जैसी मास्टर सर्विसेज का आधार बनने के साथ-साथ आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने वाला भी साबित होगा। इससे अतिक्रमण को भी रोकने में मदद मिलेगी।

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इस बात की जानकारी गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. उमाशंकर ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में दी। वह नए लोक निर्माण विश्रम गृह में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में जीआइएस मैपिंग के बारे में एक विस्तृत प्रजेंटेशन भी दी गई, जिसे देखने के लिए हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल भी पहुंचे थे।

यह प्रजेंटेशन हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर(हरसेक) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुल्तान सिंह ने दी। वी. उमाशंकर ने बताया कि गुरुग्राम के सरकारी विभागों का एक कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के उद्देश्य से प्राधिकरण की देखरेख में सेटलाइट इमेजरी लेकर ‘वन मैप गुरुग्राम’ तैयार किया जा रहा है।

जीएमडीए के क्षेत्र में अभी सरकारी विभागों से प्राप्त सूचना के आधार पर डेटा फीड कर जीआइएस मैपिंग की जा रही है। उसकी अब ड्रोन मैपिंग से पुष्टि का कार्य शुरू किया गया है। जीएमडीए क्षेत्र में गुरुग्राम मानेसर अर्बन कॉप्लेक्स (जीएमयूसी) का पूरा क्षेत्र आता है।

उमाशंकर ने बताया कि सेटलाइट इमेजरी में 50 सेंटीमीटर का रेजल्युशन प्राप्त हो रहा है और ड्रोन मैपिंग से पुष्टि के बाद 5 सेंटिमीटर के रेजल्युशन में इमेजरी प्राप्त होगी। जिसका मतलब यह होगा कि धरातल से मात्र 5 सेंटीमीटर ऊंचाई की वस्तु भी ऑनलाइन जूम करने पर साफ दिखाई देगी।

पुष्टि का यह कार्य अप्रैल के अंत तक पूरा होने का अनुमान है। उसके बाद जीआइएस मैपिंग की पूरी सूचना पब्लिक डोमेन पर डाल दी जाएगी। जहां से इसे कोई भी इसे देख सकेगा। इस मैपिंग में 144 से ज्यादा लेयर तय की जा चुकी हैं। जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं चाहे जमीन के ऊपर हो या नीचे, इस मैपिंग में कलर कोड में दर्शाया गया है। उमाशंकर ने बताया कि जीआइएस मैपिंग का सारा डाटा क्लाउड में स्टोर किया जा रहा है।

योजना बनाने में होगी आसानी

वन मैप गुरुग्राम में एकत्र डाटा नगर निगम अपने क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी महत्वपूर्ण योजनाएं तैयार कर सकता है। पाइपलाइन डलवाने, जिला का नक्शा तैयार करने, प्रॉपर्टी टैक्स, अतिक्रमण, अवैध निर्माण हटवाने सहित अन्य कामों में इसका इस्तेमाल किया जा जाएगा। मुख्य रूप से नगर निगम, बिजली निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को इसका अधिक लाभ होगा। इस परियोजना के तहत विभिन्न विभागों से लगभग 65 कर्मियों को नियुक्त किया जाएगा।

जीएमडीए द्वारा अपने कार्यालय के एक फ्लोर पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर वैसा ही होगा जैसा पीएम नरेंद्र मोदी ने वड़ोदरा में शुरू किया था। इस सेंटर से सभी मुख्य विभाग जोड़े जाएंगे। जीएमडीए द्वारा अपने क्षेत्र में सड़कों पर करीब 5000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और उनकी फीड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आएगी।


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